बच्चों की कविता: दो प्यारी कविता - गर्मी और कोयल - यह कविता गर्मी के मौसम और कोयल की मधुर आवाज़ को केंद्र में रखकर रची गई है, जो बच्चों को प्रकृति से जोड़ती है और उनकी कल्पनाशक्ति को उड़ान देती है। इस कविता में गर्मी की तपती धूप, पेड़ों की हरी छाँव, और कोयल की मीठी कूक को बड़े ही सरल और मज़ेदार शब्दों में पिरोया गया है, ताकि बच्चे इसे आसानी से समझ सकें और गुनगुनाने में मज़ा लें।
यह कविता बच्चों को गर्मी के मौसम की खूबसूरती दिखाती है और कोयल की आवाज़ के ज़रिए उन्हें प्रकृति से प्यार करना सिखाती है। इसमें तुकबंदी और लय है, जो इसे सुनने और पढ़ने में मज़ेदार बनाती है। यह कविता बच्चों को हँसाती है, गुनगुनाने का मौका देती है, और साथ ही यह संदेश भी देती है कि हर मौसम में खुश रहना चाहिए।
गर्मी
गर्मी के दिन आते हैं,
हमको बहुत सताते हैं।
कहाँ खेलने जाये हम?
तेज़ धूप में निकले दम।
खेल का मैदान गरम,
लू को आती नहीं शरम।
कहीं चैन न पाते हैं,
मन ही मन झुंझलाते हैं।
कोयल
कोयल बोले कुहू कुहू,
छिपकर बोले कुहू कुहू।
सुर में बोले कुहू कुहू,
लय में बोले कुहू कुहू।
रुक रुक बोले कुहू कुहू।
रह रहकर बोले कुहू कुहू।
मेरा दिल भी डोले कुहू कुहू,
कोयल बोले कुहू कुहू।
और पढ़ें :
Tags : hindi poem for kids | entertaining hindi poem for kids | Best hindi poems for kids | Best hindi poems | bachon ki hindi poems | bachon ki hindi poem | bachchon ki hindi poem | Hindi Poem | hindi poem on Butterfly | hindi poem on chutti | hindi poem on clouds | hindi poem on computer