हिंदी नैतिक कहानी: महाराजा का बड़प्पन
महाराजा रणजीत सिंह के जीवन की कई घटनायें प्रसिद्ध हैं। एक बार महाराजा अपनी राजधानी विविधा का निरीक्षण करने जा रहे थे। उनके घोड़े के आगे पीछे कई सैनिक अधिकारी थे।
महाराजा रणजीत सिंह के जीवन की कई घटनायें प्रसिद्ध हैं। एक बार महाराजा अपनी राजधानी विविधा का निरीक्षण करने जा रहे थे। उनके घोड़े के आगे पीछे कई सैनिक अधिकारी थे।
एक गांव में पिंकू नाम का एक लड़का रहता था, जिसे तरह-तरह की चॉकलेट्स बहुत पसंद थी। उसकी नानी यह बात जानती थीं और अक्सर पिंकू का अपने घर में स्वागत करने के लिए ढेर सारी चॉकलेट्स देती थीं।
बादशाह शाहजहां के चार लड़के थे- दारा, शुजा, मुराद और औरंगजेब। इनमें से किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाना था। बादशाह ने स्वयं कई दिनों तक इस प्रश्न पर विचार किया।
नवलगढ़ में एक राजा राज करता था। राजा का नाम था हीरासिंह। हीरासिंह बहुत पराक्रमी राजा था। उसने कई राज्यों को जीत कर अपने राज्य में मिला लिया था। हीरासिंह के भय से दूसरे देशों के राजा थरथर कांपते थे।
रूमा गिलहरी फुदक-फुदक कर अमरूद इकट्ठे कर रही थी। कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल पर, बेचारी थक कर चूर हो गई थी। "क्या बात है रूमा बहन? आज अचानक इतनी दौड़-धूप?"
किसी इलाके में एक जमींदार रहता था। उसके पास अपार धन-सम्पत्ति थी। जमीदार के दो पत्नियां थीं, माधवी और सुनंदा। माधवी से जमींदार के पांच पुत्र हुए- अमल, श्वेत, पलक, धीर और त्यागी।
प्राचीन काल में यज्ञदत्त नामक एक वेद ब्राहमण थे। उन्होंने अपने ज्ञान और प्रतिभा से पर्याप्त सम्पत्ति भी अर्जित की थी। उसकी पत्नी भी सुन्दर, सुशील तथा सुशिक्षित थी। उनके एक पुत्र था गुणनिधी।