हिंदी नैतिक कहानी: रानी की सोच

राजस्थान की एक रियासत पर श्यामराज नाम का राजा राज करता था। वह जितना अधिक शक्तिशाली था, उतना ही अच्छा चित्रकार भी था। उसे नए-नए भवन बनवाकर उसमें चित्रकारी करने का शौक था।

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रानी की सोच

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हिंदी नैतिक कहानी: रानी की सोच:- राजस्थान की एक रियासत पर श्यामराज नाम का राजा राज करता था। वह जितना अधिक शक्तिशाली था, उतना ही अच्छा चित्रकार भी था। उसे नए-नए भवन बनवाकर उसमें चित्रकारी करने का शौक था। श्यामराज जब युवा था, तो उसके विवाह के लिए अनेक जगह से प्रस्ताव आने लगे। बहुत सारे प्रस्ताव उसने ठुकरा दिए। (Moral Stories | Stories)

एक दिन वह अपने मित्रों के साथ शिकार खेलने गया। जंगल में रास्ता भटक कर श्यामराज अपने साथियों से बिछुड़ गया। भटकते-भटकते उसे पहाड़ी पर एक किला दिखाई दिया। वह उस ओर चल दिया।

cartoon image of indian king in jungle

किले में पहुंचते ही पहरेदारों ने उसे घेर लिया। वे श्यामराज को अपने मालिक के पास ले गए। उसका परिचय जान किलेदार ने उसका स्वागत किया। मेहमान बनाकर किले में रखा। किलेदार की एक बेटी थी। नाम था संगीता, उसे संगीत का बहुत शौक था। रोज सवेरे संगीत का अभ्यास करती थी। श्यामराज जब सुबह उठा, तो उसके कानों में मधुर संगीत की आवाज आई। उससे रहा न गया। वह पास के उस कमरे की ओर चल दिया, जहां से आवाज आ रही थी। वहां जाकर मुग्ध होकर किलेदार की बेटी का गाना सुनने लगा। संगीता ने आँखें उठाकर देखा, तो राजा को सामने खड़ा पाया। वह मुस्कुराने लगी।

श्यामराज को संगीता गुणवती और शिक्षित लगी। उसने उससे विवाह करने की इच्छा प्रकट की। इस पर संगीता ने...

श्यामराज को संगीता गुणवती और शिक्षित लगी। उसने उससे विवाह करने की इच्छा प्रकट की। इस पर संगीता ने एक शर्त रखी- "अगर आप मेरी पसंद के एक मंदिर में ऐसी चित्रकारी करवा देंगे जो मुझे पसंद आ जाए, तो मैं आपसे विवाह कर लूंगी"। (Moral Stories | Stories)

राजा ने उसकी शर्त मान ली। फिर वह अपने, राज्य में चला आया। राजा ने राज्य के बड़े-बड़े कारीगरों को बुलाया। उनसे सलाह करने के बाद एक बड़ा शिव मंदिर बनवाने का निश्चय किया। मंदिर निर्माण करवाकर राजा खुद ही चित्रकारी करने लगा।

cartoon image of indian king doing painting

जब मंदिर बन गया तो राजा को विश्वास हो गया कि अब संगीता उसे पसंद कर लेगी। संगीता को निमंत्रण दिया गया। वह आई, उसने मंदिर में चित्रकारी देखी तो उसे पसंद नहीं आया। इससे राजा बहुत दुःखी हुआ। राजा ने अब दूसरा मंदिर बनवाने का निश्चय कर, उसमें चित्रकारी करने का सोचा। इस बार राजा ने आस-पास कमरे भी बनवाए। मंदिर के पास ही बहुत बड़ा विद्यालय भी बनवाया। संगीता इस मंदिर को भी देखने आई। इस बार वह मंदिर देखकर बहुत प्रसन्न हुई। श्यामराज से विवाह करने को तैयार हो गई। दोनों का विवाह हो गया। दोनों सुख से रहने लगे। लेकिन संगीता की नए निर्माण की इच्छा अभी भी पूर्ण नहीं हुई थी।

एक दिन उसने अपने पति से कहा- "आप एक ऐसा महल बनवाकर ऐसी चित्रकारी करें जो दूसरे राज्य में न हो"। राजा उसका कहना टाल न सका। उसने महल बनाने का हुक्म दे दिया। कारीगरों ने महल बनाना शुरू किया।
चार वर्ष के बाद महल बनकर तैयार हो गया, तब राजा उसमें चित्रकारी करने लगा। चित्रकारी में भी एक साल पूरा लग गया। अब राजा-रानी दोनों देखने गए। संगमरमर का बना हुआ वह महल अद्भुत था। राजा उस महल को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। रानी को महल बिल्कुल पसंद नहीं आया था। (Moral Stories | Stories)

सुनकर राजा को रानी पर बहुत क्रोध आया। जनता का इतना रूपया खर्च होने के बाद भी वह खुश नहीं थी। राजा ने रानी को महल में कैदी बनाकर रखने का हुक्म दे दिया। राजा की आज्ञा का पालन हुआ। रानी वहां बंदी बनकर रहने लगी। कुछ दिन बाद राजा के विचारों ने पलटा खाया। सोचने लगा- "रानी मूर्ख है, तो मैं मूर्ख क्यों बनूं? वह रानी से मिलने गया। राजा को देखकर संगीता रोने लगी बोली- "मैं किलेदार की बेटी हूं। आपने शादी का प्रस्ताव किया, तो मेरे मन में घमंड आ गया।

cartoon image of indian queen in prison

घमंड के कारण मैंने बेकार ही राज्य का इतना रूपया महल बनवाने में खर्च किया। मैं सोचती थी आप आंख मूंदकर मेरी बातें मानते रहेंगे। जब आपने मेरी बात नहीं मानी, तो मेरी आंखे खुल गई। आप राजा पहले हैं पति बाद में। मुझे क्षमा करें। यह महल तो पहले भी अच्छा था और आज भी अच्छा है रानी बोली मुझे अलग किसी कोठरी में रहने दें। महल किसी और काम आएगा।

रानी के कहने पर अब महल को तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिया गया। (Moral Stories | Stories)

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