हिंदी मजेदार कहानी: सही पहचान बादशाह शाहजहां के चार लड़के थे- दारा, शुजा, मुराद और औरंगजेब। इनमें से किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाना था। बादशाह ने स्वयं कई दिनों तक इस प्रश्न पर विचार किया। By Lotpot 03 Jun 2024 in Stories Fun Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी मजेदार कहानी: सही पहचान:- बादशाह शाहजहां के चार लड़के थे- दारा, शुजा, मुराद और औरंगजेब। इनमें से किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाना था। बादशाह ने स्वयं कई दिनों तक इस प्रश्न पर विचार किया कि इन चारों में सबसे अधिक योग्य कौन है? अंत में वह कुछ भी निश्चय न कर सका। (Fun Stories | Stories) बादशाह शाहजहां ने अपने प्रधानमंत्री को सारी बात बताई और इस विषय में अपनी राय देने को कहा। प्रश्न गभीर था, इसलिए प्रधानमंत्री ने इसका उत्तर देने के लिये एक दिन का समय मांगा। बादशाह के पास से उठकर प्रधानमंत्री चारों राजकुमारों की योग्यता की परीक्षा लेने के विचार से चुपचाप दारा के कमरे में गया। दारा ने उसका स्वागत किया तथा आने का प्रयोजन पूछा। प्रधानमंत्री ने उससे तीन प्रश्न किये- पहला आजकल दिल्ली में चना किस भाव है। दूसरा हिन्दुस्तान के किन-किन शहरों में अच्छी जूतियां बनती हैं तथा तीसरा आदमी खुशी-खुशी किससे हार मानना चाहता है। दारा ने हंसकर कहा, "प्रधानमंत्री जी, भला शहजादे भी ऐसी मामूली बातों की चिंता करते हैं। मैंने तो कभी इनके बारे में सोचा भी नहीं। धर्मशास्त्र, युद्धविद्या, शिष्टाचार इत्यादि की बातें पूछिए तो मैं आपको अपनी योग्यता का परिचय दे सकता हूं, लेकिन...।" (Fun Stories | Stories) प्रधानमंत्री वहां से उठकर शुजा के पास गया। उससे भी उसने वही प्रश्न किये। शुजा बोला, "बनिये के करम की बातें... प्रधानमंत्री वहां से उठकर शुजा के पास गया। उससे भी उसने वही प्रश्न किये। शुजा बोला, "बनिये के करम की बातें मैं क्या जानू। मैं तो अब तक सुबेदारी करता रहा रहा हूँ, इसलिए शासन-प्रबंध की ही बातें जानता हूँ। आप कहें तो नौकर भेज कर अभी बाजार से चने का भाव पता करवा सकता हूं"। प्रधानमंत्री ने मुराद के पास जाकर भी यही सवाल किये। मुराद ने कहा, "शाहजादों को सपने में भी ऐसी बातों का ध्यान नहीं आता। जौहरी हीरे-मोती का भाव बता सकता है, कौडियों का नहीं। आपकी बातों का जवाब तो कोई बाजारू आदमी ही दे सकता है। हम तो ताज पर निगाह रखते हैं, जूतियां नहीं देखते"। अंत में प्रधानमंत्री औरंगजेब के पास गया। औरंगजेब ने ध्यान से उसके प्रश्नों को सुना और नपे-तुले शब्दों में इस प्रकार प्रत्येक का उत्तर दिया- (1) "चने का भाव आगरा में 12 पैसे पसेरी, दिल्ली में 11 पैसे पसेरी और बिहार में 13 पैसे पसेरी है। आठ-दस दिन पहले क्रमशः 11, 12, 12 का भाव था। (2) सबसे अच्छी जूतियाँ दिल्ली, लुधियाना और कानपुर में बनती हैं। कलकत्ता, मालाबार और कश्मीर की जूतियां भी अच्छी होती हैं। (3) मनुष्य अपने गुणी और सच्चरित्र पुत्र के आगे सहर्ष हार मान लेता है"। औरंगजेब के उत्तरों से प्रधानमंत्री ने उसकी योग्यता का ठीक-ठीक अनुमान कर लिया। अगले दिन इस विषय पर चर्चा छिड़ने पर शाहजहां ने दारा के पक्ष में अपनी सहमती दी। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, "जहांपनाह, जो जागते हुये भी सोता रहता है और अपने आसपास की दुनिया की खबर नहीं रखता, वह बादशाहत कैसे चलायेगा। हिन्दुस्तान की गद्दी के योग्य तो केवल औरंगजेब हैं। वह छोटी से छोटी बात पर ध्यान देता है। चारों शाहजादों में केवल एक वही ऐसा है, जो राजकाज चला सकता है। आगे चलकर प्रधानमंत्री की बात सही निकली। (Fun Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | majedar bal kahani | Bal Kahani in Hindi | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | kids hindi kahaniyan | bachon ki hindi kahaniyan | Hindi kahaniyan | kids hindi stories | Kids Hindi Fun Story | kids hindi fun stories | Hindi Fun Story | best hindi fun stories in hindi | Hindi fun stories | short hindi stories for kids | short fun story | short fun story in hindi | short stories in Hindi | kids short stories in hindi | short stories for kids in hindi | short stories for kids | bachon ki hindi kahani | majedaar hindi kahani | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | मजेदार बाल कहानी | बच्चों की बाल कहानी | बाल कहानियां | बाल कहानी | बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | मजेदार हिंदी कविता | हिंदी कहानी | छोटी हिंदी कहानियाँ | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानियाँ | बच्चों की मजेदार हिंदी कहानी | बच्चों की मजेदार कहानी | मज़ेदार छोटी कहानी | बच्चों की छोटी कहानी यह भी 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