हिंदी मजेदार कहानी: गुणनिधी पर शिव कृपा प्राचीन काल में यज्ञदत्त नामक एक वेद ब्राहमण थे। उन्होंने अपने ज्ञान और प्रतिभा से पर्याप्त सम्पत्ति भी अर्जित की थी। उसकी पत्नी भी सुन्दर, सुशील तथा सुशिक्षित थी। उनके एक पुत्र था गुणनिधी। By Lotpot 31 May 2024 in Stories Fun Stories New Update गुणनिधी पर शिव कृपा Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी मजेदार कहानी: गुणनिधी पर शिव कृपा:- प्राचीन काल में यज्ञदत्त नामक एक वेद ब्राहमण थे। उन्होंने अपने ज्ञान और प्रतिभा से पर्याप्त सम्पत्ति भी अर्जित की थी। उसकी पत्नी भी सुन्दर, सुशील तथा सुशिक्षित थी। उनके एक पुत्र था गुणनिधी। ब्राहमण यज्ञदत्त ने अपने इस इकलौते पुत्र को भरपूर शिक्षा दी तथा वेद और शास्त्रों का अध्ययन करवाया। गुणनिधी भी प्रतिभा संपन्न था। इसलिए वह शीघ्र ही विभिन्न विषयों में पूर्ण विद्वान हो गया। (Fun Stories | Stories) संयोगवश गुणनिधी कुसंगति में पड़ गया। इससे उसमें विभिन्न प्रकार के दुर्गुण जन्म लेने लगे। वह मदिरापान करने लगा और जुआ खेलने लगा। जुआ के लिए वह अपनी माता से धन ले जाता और पुत्र मोह के कारण वह उसे धन दे देती। धन देने के साथ ही वह गुणनिधी को उपदेश देना भी नहीं भूलती कि उसे गलत रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। इससे परिवार का धन और कुल का यश दोनों नष्ट होते हैं। परन्तु गुणनिधी पर इन उपदेशों का कोई असर नहीं होता। वह निरन्तर कुमार्ग की ओर बढ़ता चला गया। मां जब धन देने को आनाकानी करने लगी तो गुणनिधी ने धीरे-धीरे चोरी करना शुरू कर दिया। वह पर स्त्री गमन भी करने लगा। पुत्र मोह वश, मां ने गुणनिधी में बढ़ते इन दोषों के बारे में यज्ञदत्त को कुछ भी नहीं बतलाया। फिर भी यज्ञदत्त ने यह अवश्य महसूस किया कि गुणनिधी अपने अध्ययन में इन दिनों पर्याप्त रूचि नहीं ले रहा। इसलिए उन्होंने सोचा कि विवाह बन्धन में बंध जाने से गुणनिधी पुनः अपने अध्ययन में रूचि लेने लगेगा। किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं हुआ। गुणनिधी अपने पुराने मार्ग पर ही यथावत चलता रहा। मां उसे समझाती रहती, पिता का डर भी दिखलाती। लेकिन गुणनिधी पर इन बातों का कोई असर नहीं होता। वह अपने पति को गुणनिधी के अपराधों की जानकारी इस डर से नही देती कि उससे वे नाराज होंगे तथा गुणनिधी को दंड देंगे। पुत्र मोह की भावना उसके कर्तव्य पथ पर बाधा बनी रही। (Fun Stories | Stories) एक दिन जब गुणनिधी ने अपनी मां को सोते हुए पाया तो उसकी नजर मां की अंगूठी पर पड़ी। काफी मूल्यवान लग रही थी। उसने चुपचाप वह अंगूठी मां की अंगुली से निकाल ली और जुआ खेलने चला गया। जुए में वह उस अंगूठी को हार गया। इधर गुणनिधी की मां ने जब अपनी अंगुली से अंगूठी को गायब देखा तो वह सहज ही समझ गयी कि अंगूठी चुराने का कार्य निश्चित ही उसके पूत्र ने किया होगा। उसने गुणनिधी से पूछताछ की लेकिन गुणनिधी ने साफ मना कर दिया। वास्तविकता को जानते हुए भी वह चुप रही। एक दिन यज्ञदत्त ने बाजार में एक जौहरी की दुकान पर अपनी पत्नी की अंगूठी को देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गया। उन्होंने जौहरी से... एक दिन यज्ञदत्त ने बाजार में एक जौहरी की दुकान पर अपनी पत्नी की अंगूठी को देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गया। उन्होंने जौहरी से पूछताछ की तो पता चला कि जुआरी उस अंगूठी को वहां बेच गया है। जौहरी उस जुआरी को जानता था। इसलिए जुआरी को बुलवाया गया और उससे पूछताछ की गई। जुआरी ने गुणनिधी के द्वारा अंगूठी को जुए में हार जाने की बात बतला दी। गुणनिधी के अन्य अवगुणों की भी चर्चा उसने स्पष्ट रूप में यज्ञदत्त के सामने कर दी। यज्ञदत्त अपने पुत्र के कुकर्मों के बारे में जानकर लज्जा और क्रोध से कांप उठा। (Fun Stories | Stories) यज्ञदत्त ने घर आकर अपनी पत्नी को गुणनिधी के कुकर्मों के बारे में बतलाया तो उसे विवश होकर सब कुछ स्वीकार करना पड़ा। उसने यह भी स्वीकार किया कि पुत्र मोहवश ही वह गुणनिधी के अपराधों को ढांपती रही। इस पर यज्ञदत्त ने अपना निर्णय सुनाया कि अब भविष्य में उनका भ्रष्ट गुणनिधी से कोई संबंध नहीं रहेगा। उन्होंने अपनी पत्नी को भी यह आदेश दिया कि यदि उसे अपने पति के साथ रहना हो तो वो भी इस बात का पालन करे। यज्ञदत्त के इस आदेश पर उनकी पत्नी बिलख बिलख कर रो पड़ी। उसने गुणनिधी की तरफ से क्षमा मांगते हुए कहा कि उसे केवल एक अवसर और दे दें। यदि इस बार भी वह नहीं सुधरा तो हम उससे संबंध तोड़ लेंगे। बड़ी मुश्किल से यज्ञदत्त कुछ पसीजे और अपनी पत्नी की बात पर विचार करने के लिए तैयार हो गए। गुणनिधी उस समय घर से बाहर था। वहीं उसे संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गयी। उसे अपने उस जुआरी मित्र पर बहुत क्रोध आया, जिसने उसके पिता को जुआ आदि के बारे में जानकारी दी थी। उसे अपनी मां का यह कथन सत्य लगा कि जुआरी किसी के भी प्रति निष्ठावान नहीं हो सकते। वह अपने पिता के क्रोध को जानता था। वैसे भी अब उसमें इतना नैतिक साहस नहीं रह गया था कि वह अपने पिता का सामना कर सके। उसे बार- बार अपनी मां के उपदेश याद आ रहे थे। जिनकी उसने हमेशा उपेक्षा की। यदि वह उन उपदेशों की तरफ ध्यान देता तो आज वह कलंक बनने से बच जाता। उसे बार- बार अपने पिता और कुल की प्रतिष्ठा का ध्यान आता, जिसे उसने धूल में मिला दिया। लेकिन अब क्या हो सकता था? (Fun Stories | Stories) गुणनिधी ने तय किया कि अब वह लौट कर अपने घर नहीं जाएगा। इसलिए वह शहर से बाहर जंगल की तरफ चल दिया और रात्रि होने पर वहीं एक वृक्ष के नीचे सो गया। सुबह होने पर वह जागा तो उसने अपनी स्थिति पर पुनः विचार किया। वह क्या करे और कहां जाए? इस बारे में वह किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सका। अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर वह निरूद्देश्य एक तरफ चल दिया। धीरे-धीरे दोपहर ढलने लगी। गुणनिधी ने कल संध्या से ही भोजन नहीं किया था। इसलिए उसे जोरों से भूख लग रही थी। लेकिन जंगल में भोजन कहां से मिले? उसने अचानक कुछ लोगों को एक तरफ जाते देखा। उनके हाथों में तरह-तरह के फल-फूल और खाद्य पदार्थ थे, जिन्हें देखकर गुणनिधी की भूख और बढ़ गई। वह भी चुपचाप उन लोगों के साथ चल दिया। ये लोग एक शिव मंदिर में गए और वहां पूरी श्रद्धा के साथ शिव पूजन किया। गुणनिधी को अचानक ध्यान आया कि आज शिवरात्रि का दिन है और उसी संदर्भ में यह पूजा पाठ हो रही है। लेकिन इस समय उसका ध्यान शिव रात्रि में नहीं, केवल खाद्य पदार्थों में था, जो वहां भगवान शंकर के पूजन के लिए रखे हुए थे। गुणनिधी वहां चुपचाप एक ओर बैठ गया। वह सोच रहा था कि जब रात्रि को ये लोग सो जाएंगे, तब ही वह इन खाद्य पदार्थों को खाकर अपनी भूख शान्त करेगा। धीरे-धीरे रात्रि हो गयी। काफी देर तक भक्त लोग भगवान शंकर के भजन गाते रहे। उसके बाद वे सब धीरे-धीरे सो गए। गुणनिधी ने भी चुपचाप एक तरफ लेटने का अभिनय किया। लेकिन भूखे पेट नींद कहां से आती? सबको सोया हुआ देखकर वह धीरे से उठा और शिव लिंग पर चढ़ाए हुए फलों को वह खाने लगा। इसके उपरान्त उसने अलग से रखे हुए खाद्य पदार्थों को भी उठाया और वहां से तेजी से चल पड़ा। चलते हुए उसका पैर अचानक ही एक सोए हुए शिव भक्त से टकरा गया। वह जागकर उठ खड़ा हुआ और चोर-चोर कहता हुआ गुणनिधी के पीछे दौड़ने लगा। अन्य शिव भक्त भी जागकर उसके साथ दौड़ पड़े। जब वे गुणनिधी को नहीं पकड़ पाए तो उनमें से एक ने अपने धनुष से तीर चलाकर गुणनिधी की तरफ फेंक दिया, जिससे गुणनिधी की तत्काल मृत्यु हो गयी। भोले भंडारी भगवान शंकर ने यह सब घटनाक्रम देखा। शिव रात्रि के दिन, गुणनिधी का दिन भर भूखा रहना और उसके बाद खाद्य पदार्थों को खाना तथा उसी संदर्भ में उसकी मृत्यु होना- इन सब बातों से भोले भंडारी ने गुणनिधी को एक श्रेष्ठ भक्त के रूप में स्वीकार कर लिया। इसीलिए जब यमदूत गुणनिधी की आत्मा को लेने के लिए आए तो शिव ने अपने गुणों के द्वारा उसे यमदूतों से छुड़वा कर अपनी शरण में बुलवा लिया। लम्बे अन्तराल के बाद उसी गुणनिधी ने शिव की कृपा ये यक्षाधिपति कुबेर के रूप में जन्म लिया। (Fun Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | majedar bal kahani | Bal Kahani in Hindi | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bachon ki hindi kahaniyan | bachon ki hindi kahani | Kids Hindi Fun Story | Hindi Fun Story | hindi fun stories for kids | Hindi fun stories | best hindi fun stories in hindi | fun story in hindi | fun stories in hindi | kids fun stories in hindi | kids hindi kahani | kids hindi kahaniyan | bachon ki kahaniyan | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | मज़ेदार बाल कहानी | मजेदार बाल कहानी | बाल कहानियां | बाल कहानी | मज़ेदार हिंदी कहानी | छोटी हिंदी कहानियाँ | बच्चों की हिंदी कहानी | हिंदी बाल कहानी | हिंदी बाल कहानियाँ | बाल कहानियाँ | बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | बच्चों की मजेदार कहानी | हिंदी कहानियाँ यह भी पढ़ें:- हिंदी मजेदार कहानी: इन्टरव्यू Fun Story: हैसियत Fun Story: चार दिन का जमींदार Fun Story: पुण्य का फल #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Bal Kahani #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #Hindi fun stories #हिंदी कहानियाँ #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #बाल कहानियां #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #hindi fun stories for kids #बच्चों की हिंदी कहानियाँ #हिंदी मजेदार कहानी #kids fun stories in hindi #Kids Hindi Fun Story #बच्चों की मजेदार कहानी #बच्चों की हिंदी कहानी #छोटी हिंदी कहानियाँ #मजेदार बाल कहानी #Bal Kahani in Hindi #बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी #bachon ki hindi kahani #bachon ki hindi kahaniyan #मज़ेदार हिंदी कहानी #मज़ेदार बाल कहानी #kids hindi kahani #kids hindi kahaniyan #fun stories in hindi #Hindi Fun Story #majedar bal kahani #bachon ki kahaniyan #fun story in hindi #best hindi fun stories in hindi You May Also like Read the Next Article