हिंदी प्रेरक कहानी: सुखी कौन

किसी इलाके में एक जमींदार रहता था। उसके पास अपार धन-सम्पत्ति थी। जमीदार के दो पत्नियां थीं, माधवी और सुनंदा। माधवी से जमींदार के पांच पुत्र हुए- अमल, श्वेत, पलक, धीर और त्यागी।

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सुखी कौन

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हिंदी प्रेरक कहानी: सुखी कौन:- किसी इलाके में एक जमींदार रहता था। उसके पास अपार धन-सम्पत्ति थी। जमीदार के दो पत्नियां थीं, माधवी और सुनंदा। माधवी से जमींदार के पांच पुत्र हुए- अमल, श्वेत, पलक, धीर और त्यागी। सुनन्दा ने सिर्फ एक ही पुत्र को जन्म दिया। वह था अभिषेक, वह सबसे छोटा था। (Motivational Stories | Stories)

अचानक एक दिन जमींदार की असमय ही मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु के बाद माधवी के पांचों पुत्रों ने मिलकर सुनन्दा और अभिषेक दोनों मां-बेटे को एक दिन घर से जबर्दस्ती बाहर निकाल दिया। जब वे घर से बाहर निकले उनके शरीर पर पहने हुए वस्त्र के अलावा फूटी कौड़ी भी नहीं थी।

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अभिषेक के प्रति पांचों भाइयों का दुर्व्यवहार गांव वालों को जरा भी अच्छा नहीं लगा। उसका हक दिलाने के लिए उन लोगों ने भरपूर कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। पांचों भाइयों ने अभिषेक को एक इंच भी जमीन देना स्वीकार नहीं किया। अभिषेक के सद्‌ व्यवहार से गांव वाले इतने प्रभावित थे कि वे किसी भी कीमत पर उसे अपने गांव से बाहर जाने देना नहीं चाहते थे। स्वयं उसे भी गांव वालों से बहुत प्रेम हो गया था। आखिर गांव वालों ने आपसी सहायता से कुछ रूपए एकत्र कर गांव के ही शिव-मन्दिर के एक हिस्से में दोनों मां-बेटे के रहने की व्यवस्था कर दी। इस व्यवस्था से वह खूब खुश हुआ।

अभिषेक रोज नियम से शिव की पूजा  किया करता। मन्दिर के अहाते में पड़ी परती जमीन में फल-फूल और साग-सब्जियां उगाता। उसमें कई तरह के हुनर भी थे। इस प्रकार वह मजे में अपना जीवन-निर्वाह कर लेता था। न उधो का लेना, न माधों का देना, उसके जीवन की गाड़ी सीधी-सपाट राह पर चल रही थी। (Motivational Stories | Stories)

एक दिन सुनंदा अपने बेटे से बोली "अभिषेक, अब तुम व्यस्क हो गए हो, शादी कर लो। दूसरे गांव की एक लड़की...

एक दिन सुनंदा अपने बेटे से बोली "अभिषेक, अब तुम व्यस्क हो गए हो, शादी कर लो। दूसरे गांव की एक लड़की यहां रोज़ मन्दिर में पूजा करने आती है। बड़ी अच्छी है सुशील भी है। गरीब घर की है। आज मैं उसे तुम्हें दिखा दूंगी, जब तुम्हे पसन्द आ जाए तो कहना। फिर मैं उसके मां-बाप से बातचीत करूंगी"।

"जैसी तुम्हारी इच्छा" अभिषेक ने इतना ही कहा।

थोड़ी देर बाद जब वह लड़की मंदिर में पूजा करने आई तो सुनंदा उसकी ओर संकेत कर अभिषेक से बोली, "बेटा, देख लो, वही लड़की है। मैं उस से कई बार बातें कर चुकी हूं। उसका स्वभाव और व्यवहार बहुत अच्छा है। सुन्दर भी है ही। अब तुम अपनी इच्छा कहो। (Motivational Stories | Stories)

अभिषेक को लड़की भा गयी। वह बोला, "मां, जब तुम्हें पसन्द है तो मैं तुम्हारी इच्छा के विरूद्ध नहीं जाऊंगा"। मां खुश हो गयी। फिर बोली, "लड़की का नाम प्रियंका है"।

"अच्छा नाम है" अभिषेक ने मन ही मन सोचा।

जल्द ही दोनों की शादी हो गयी। हर कोई इस शादी से खुश था तथा गांव वाले भी।

अपनी शादी के अवसर पर अभिषेक पांचों बड़े भाइयों को बुलाने गया था, लेकिन उन्होंने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया, मानो उससे उनका कभी कोई संबंध रहा ही नहीं हो। अभिषेक उदास ही लौट आया था।

अब अभिषेक और प्रियंका दोनों पति-पत्नी मिलकर रोज नियम से शिव की पूजा करने लगे। कुछ समय बाद उन्हें एक पुत्र हुआ। परिवार में खुशियां छा गयीं। अपने पुत्र के जन्मोत्सव के अवसर पर अभिषेक फिर अपने पांचों भाइयों को बुलाने गया। भाभियों से भी आने के लिए आग्रह किया। लेकिन सबने उसे उपेक्षा और तिरस्कार की दृष्टि से ही देखा। किसी ने सीधे ढंग से उससे बात भी नहीं की। एक अजीब कडुवाहट लेकर वह घर लौटा। घर आकर अभिषेक ने सारी बात मां को बता दी, मां ने उसे समझाया, "बेटा, वे अमीर हैं। हम गरीब हैं। अमीर लोग गरीब के घर जाना पसंद नहीं करते हैं। जब तुम भी उनके जैसे अमीर हो जाओगे तो वे जरूर तुम्हारे यहां आएंगे"। मां की बातों में जो सच्चाई थी, अभिषेक को उसे स्वीकार करना पड़ा। अब उसे अपने गरीब होने का दु:ख सातने लगा। यही नहीं, कैसे अपने भाइयों जैसा अमीर बना जाए, इस पर भी वह जब-तब सोचता रहता।

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एक दिन जब दोनों पति-पत्नी शिव की पूजा कर रहे थे, अचानक शिव ने उन्हें दर्शन दिये। वह बोले, वत्स मैं तुमसे खुश हूं। जो चाहो, मांग लो। (Motivational Stories | Stories)

अभिषेक खुश हो बोला, "भगवान, मैं अपने सबसे बड़े भाई अमल की तरह सुखी होना चाहता हूं"।

"वह अल्पायु है। यदि तुम उस जैसा सुखी होना चाहते हो तो तुम्हारी आयु भी क्षीण हो जाएगी। कहो, स्वीकार है?"

फिर मुझे श्वेत भैया जैसा सुखी बना दीजिए"।

"उसे अपने जीवन के अंतिम दस वर्षों में काफी शारीरिक यातना सहनी पड़ेगी। बोलो, मंजूर है?"

"अच्छा तो मुझे पलक भैया जैसा बना दीजिए"।

"अपने जीवन-काल में ही उसके सभी पुत्रों की मृत्यु हो जाएगी। उसे पुत्र-शोक की पीड़ा सहनी पड़ेगी। पसंद है?"

"फिर मैं धीर भैया जैसा सुखी बनना चाहूँगा"। (Motivational Stories | Stories)

"वह आधी उम्र में ही अंधा हो जाएगा"।

"तो फिर त्यागी भैया जैसा ही कर दीजिए"।

"उसके बच्चे चोर, लुटेरे और ठग निकलेंगे। वे धन के लोभ में अपने पिता की हत्या कर देंगे"। "नहीं अब मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैं जैसा भी हूं सुखी हूं। बहुत सुखी"। अभिषेक खूब सोच विचार कर हाथ जोड़कर बोला।

"तुम्हारे इस संतोष-भाव से मैं और भी खुश हूं, भगवान शिव बोले, ''जाओ, तुम्हारा पुत्र बहुत तेजस्वी है। काफी यश अर्जित करेगा। उसके यश की सुगंध सम्पूर्ण संसार में फैलेगी। तुम्हारा नाम रोशन करेगा"। इतना कहकर शिव अन्तर्ध्यान हो गए। दोनों पति-पत्नी खुशी से पुलकित हो उठे। (Motivational Stories | Stories)

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