दानशीलता पर कहानी
अवध के नवाब आसफुद्दौला बड़े ही उदार हृदय के व्यक्ति थे। उनकी दानशीलता के बारे में यह बात प्रसिद्ध थी कि जो भी उनके दरवाजे पर आता था, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता था।
अवध के नवाब आसफुद्दौला बड़े ही उदार हृदय के व्यक्ति थे। उनकी दानशीलता के बारे में यह बात प्रसिद्ध थी कि जो भी उनके दरवाजे पर आता था, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता था।
संकल्प की शक्ति: यह कहानी एक सरल और प्रेरणादायक उदाहरण है, जो बच्चों को सिखाती है कि जीवन में कोई भी कठिनाई उनकी सफलता के मार्ग में बाधा नहीं बन सकती, यदि वे दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं।
Motivational Stories | Moral Stories- शाम का वक्त था। अजय अपनी 12 साल की बेटी, रिया, के साथ पार्क में बैठा था। रिया का चेहरा उदास था। पिता ने उसकी आँखों में आंसू देखे और धीरे से पूछा, "क्या हुआ, बेटा?
एक बार राजा मान सिंह ने राज्य में अंधे लोगों को भीख देने का फैसला किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अंधा व्यक्ति भीख लेने से छूट न जाए।
अरी सुन! किसान ने पत्नी को पुकारा और बाल्टी में चूना घोलने लगा। पत्नी आवाज़ सुनकर आ गयी और किसान के कामों में सहयोग करने लगी। उसकी दो बेटियां भी थीं- फूलमती और वीरमती!
उस दिन की दोपहर झामू (घर का नौकर) के लिए काफी व्यस्त थी क्योंकि वो पूरा दिन मूर्ति के पीछे भागता रहा। मूर्ति बड़ा ही शरारती बच्चा था और वो कभी किसी का कहा नहीं मानता था।
अविनाश आज उदास मन से स्कूल से घर लौटा। क्या स्कूल में किसी से झगड़ा हो गया या फिर अध्यापक जी ने पढ़ाई के बारे में मारा? पता नहीं अविनाश आज क्यों उदास है।