हिंदी नैतिक कहानी: झूठी शान आफत में जान अविनाश आज उदास मन से स्कूल से घर लौटा। क्या स्कूल में किसी से झगड़ा हो गया या फिर अध्यापक जी ने पढ़ाई के बारे में मारा? पता नहीं अविनाश आज क्यों उदास है। By Lotpot 22 Jun 2024 in Stories Moral Stories New Update झूठी शान आफत में जान Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी नैतिक कहानी: झूठी शान आफत में जान:- अविनाश आज उदास मन से स्कूल से घर लौटा। क्या स्कूल में किसी से झगड़ा हो गया या फिर अध्यापक जी ने पढ़ाई के बारे में मारा? पता नहीं अविनाश आज क्यों उदास है। अविनाश को उदास देख उसकी मम्मी के मन में तरह तरह के प्रश्न उमड़ने लगे। अविनाश के सिर पर हाथ फेरते हुए आखिर मम्मी ने पूछा "क्या बात है बेटे अविनाश? आज उदास कैसे बैठे हो?" (Moral Stories | Stories) मम्मी का इतना कहना था कि अविनाश की आँखों से आंसू झलकने लगे। मम्मी ने सांत्वना देते हुए पूछा "क्या अध्यापक जी ने मारा है? या किसी से झगड़ा हो गया? मैंने तो तुम्हें कभी उदास नहीं देखा"। "नहीं मम्मी, आज मेरे साथी दोस्त पंकज, रोहित और राणा ने मेरी खिल्ली उड़ाई है"। अविनाश ने सुबकते हुए कहा। "क्यो?" माँ ने पुछा। "वे सभी स्कूल में खाने के लिए सौ दो सौ रूपये लाते हैं। आज मैं भी उनके साथ था मैंने भी कैन्टीन वाले से पाँच रूपए की चीज देने को कहा तो दोस्तों ने कहा कंजूस पिता का कंजूस बेटा" अविनाश ने एक ही सांस में अपनी बात पूरी कर दी। (Moral Stories | Stories) "तो बेटे इसमें रोने की क्या बात है? कल से उनका साथ छोड़ दो"। चलो आओ अब खाना खाते हैं अविनाश ने... "तो बेटे इसमें रोने की क्या बात है? कल से उनका साथ छोड़ दो"। चलो आओ अब खाना खाते हैं अविनाश ने खाना खा लिया लेकिन अभी तक उसका मन शांत नहीं हुआ था वह स्कूल का होमवर्क करके खेलने निकल गया। खेलने के बाद जब घर आया तो पापा ऑफिस से आ चुके थे उसने पापा से कोई बात नहीं की। उदास मन से पढ़ने बैठ गया। अभी तक स्कूल वाली बात उसके दिमाग में घूम रही थी। रात को सब सो चुके थे, लेकिन अविनाश की आँखों से नींद कोसों दूर थी। वह दोस्तों के साथ बराबर में खड़ा होना चाहता था। वह रात भर इसी सोच में डूबा था कि उसके दिमाग में एक तरकीब आ गई। वह खुशी से झूम उठा। उसने मम्मी की गुल्लक से चुपचाप सौ रूपये निकाल लिए अब तो पंकज, रोहित और राणा के साथ उसकी अच्छी पटने लगी। अविनाश रोज मम्मी की गुल्लक से सौ रूपये निकाल लेता। उसकी मम्मी को बात का पता नहीं चला। क्योंकि गुल्लक में उन्होंने कभी हाथ डालकर नहीं देखा था। (Moral Stories | Stories) स्कूल में बोर्ड के फार्म भरने शुरू हो गए थे तथा इस बार अविनाश भी हाई स्कूल बोर्ड का विद्यार्थी था। उसे फार्म के साथ फीस भी जमा करानी थी। वह मम्मी के पास जाकर बोला "मम्मी कल मुझे पाँच हज़ार रूपये दे देना, क्योंकि कल मैं बोर्ड की फीस जमा करांऊगा तथा कुछ किताबें भी लानी हैं"। मम्मी ने हां कहकर सिर हिलाया और काम में लग गई, अगले दिन अविनाश ने स्कूल जाते समय मम्मी से रूपये मांगे, अविनाश की मम्मी कमरे में गईं और गुल्लक उठा लाईं और उसमें से पैसे निकालने लगीं। लेकिन उसमे कम पैसे पाकर बोलीं "अरे यह क्या, 3500 रूपये?" अविनाश का मुंह पीला पड़ गया, वह बोला "अरे क्या इसमें इतने ही पैसे होंगे.."। अविनाश की मां ने कहा "नहीं बेटा! मैंने तो इसमें कुछ दिन पहले ही 12000 रूपये रखे थे और वो भी तुम्हारी स्कूल की फीस के लिए। क्या तुमने तो नहीं लिए?" (Moral Stories | Stories) अविनाश का सिर शर्म से नीचे झुक गया। वह सुबक उठा "मम्मी, मुझे क्षमा कर दो। मम्मी, मैंने ये पैसे मित्रों के सामने शान दिखाने के लिए चुराये थे। मुझे माफ कर दो अविनाश ने सच्चाई बयान करते हुए कहा"। अविनाश को अपनी गलती का अहसास हो चुका था, इसलिए उसके मम्मी पापा ने उससे कुछ नहीं कहा। अविनाश की फीस का इंतजाम पापा ने उधार लेकर कर दिया। अविनाश ने मम्मी पापा से वादा किया कि वह अब कभी झूठी शान नहीं दिखाएगा और सदैव सच्चाई का सामना निडरता के साथ करेगा। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | majedar bal kahani | Bal Kahani in Hindi | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | choti hindi kahani | kids hindi kahaniyan | kids hindi kahani | bachon ki hindi kahaniyan | hindi kahani | kids hindi moral story | bachon ki hindi moral story | hindi moral stories for kids | Hindi Moral Story | short hindi stories for kids | short hindi moral story | Short Hindi Stories | bachon ki hindi kahani | hindi naitik kahaniyan | hindi naitik kahani | bachon ki hindi naitik kahani | choti hindi naitik kahani | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | मज़ेदार बाल कहानी | मजेदार बाल कहानी | बच्चों की बाल कहानी | छोटी बाल कहानी | मजेदार बाल कहानियां | बच्चों की रात की कहानियां | बच्चों की बाल कहानियां | छोटी बाल कहानी | बाल कहानी | छोटी हिंदी नैतिक कहानी | बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी | मजेदार बाल कहानियां | बच्चों की बाल कहानियां | बाल कहानियां | मजेदार छोटी हिंदी कहानी | छोटी हिंदी कहानियाँ | बच्चों की छोटी हिंदी कहानी | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की हिंदी नैतिक कहानियाँ | हिंदी नैतिक कहानियाँ | बच्चों की हिंदी प्रेरक कहानियां | बच्चों की शिक्षाप्रद कहानी यह भी पढ़ें:- हिंदी नैतिक कहानी: धन का मोल बच्चों की नैतिक कहानी: गणित का जादू Moral Story: मॉनीटर Moral Story: माँ का ऋण #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Bal Kahani #Hindi Moral Story #lotpot E-Comics #हिंदी नैतिक कहानी #छोटी हिंदी कहानी #Short Hindi Stories #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #बाल कहानियां #लोटपोट ई-कॉमिक्स #kids hindi moral story #hindi moral stories for kids #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी #हिंदी नैतिक कहानियाँ #छोटी हिंदी कहानियाँ #मजेदार बाल कहानी #Bal Kahani in Hindi #bachon ki hindi kahani #short hindi moral story #बच्चों की बाल कहानी #बच्चों की छोटी हिंदी कहानी #bachon ki hindi kahaniyan #bachon ki hindi naitik kahani #hindi naitik kahani #मज़ेदार बाल कहानी #kids hindi kahani #kids hindi kahaniyan #short hindi stories for kids #बच्चों की शिक्षाप्रद कहानी #majedar bal kahani #choti hindi kahani #bachon ki hindi moral story #छोटी हिंदी नैतिक कहानी #choti hindi naitik kahani #मजेदार छोटी हिंदी कहानी #hindi naitik kahaniyan #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानियाँ #बच्चों की हिंदी प्रेरक कहानियां #छोटी बाल कहानी #मजेदार बाल कहानियां #बच्चों की रात की कहानियां #बच्चों की बाल कहानियां You May Also like Read the Next Article