Moral Story: मॉनीटर एक लड़का था उसका नाम था केशव लेकिन उसके नाना जी प्यार से उसके नाम के साथ लाल लगा देते थे जिससे वह केशवलाल बन गया था। जब भी उसे कोई पुकारता तो इसी नाम से। By Lotpot 29 Apr 2024 in Stories Moral Stories New Update मॉनीटर Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Story मॉनीटर:- एक लड़का था उसका नाम था केशव लेकिन उसके नाना जी प्यार से उसके नाम के साथ लाल लगा देते थे जिससे वह केशवलाल बन गया था। जब भी उसे कोई पुकारता तो इसी नाम से। अगर कभी कोई उसके नाम के साथ भूल से या जल्दीबाजी मे लाल छोड़ देता तो उसे बहुत गुस्सा आता। वह उसका जवाब नहीं देता और उसकी अनसुनी कर देता। नाना जी को तो वह बहुत प्यारा था लेकिन और लोगों को जरा भी नहीं भाता था। कारण उसकी शैतानी थी। वह कभी स्थिर नही बैठता था। कुछ न कुछ खुराफात में वह सदा लगा रहता। बचपन से ही वह नानाजी के पास रहने लगा था। घर में केवल एक ही बच्चा होने के कारण भी उसको नाना जी प्यार करते थे। उसने बदमाशी घर से ही शुरू की पहले खाने-पीने में फिर पढ़ाई-लिखाई में। खाने-पीने के मामले में वह बहुत ज़िद्दी था। एक दिन, उसकी रूचि का खाना नहीं बना। बस क्या था। उसने परोसी हुई अपनी थाली पटक दी। सारा खाना बिखर गया। नानी बड़बड़ाईं और नाना जी ने भी डांटा तो वह फूट-फूट कर रोने लगा। बाद में जब नानी अपनी गोद में लेकर उसे पुचकारने लगी तब जाकर वह चुप हुआ। (Moral Stories | Stories) पढ़ाई में भी केशव लाल का मन नहीं लगता। बार-बार नाना जी उसे पढ़ाने के लिए एक मास्टर भी रखे हुए थे लेकिन... पढ़ाई में भी केशव लाल का मन नहीं लगता। बार-बार नाना जी उसे पढ़ाने के लिए एक मास्टर भी रखे हुए थे लेकिन लाल ऐसा कि मास्टर जी का कहा ही नहीं मानता। पढ़ने के समय मास्टर जी से वह बहुत बातें बनाता रहता। अन्त में तंग होकर मास्टर जी ने भी उसे पढ़ाना छोड़ दिया। फल यह हुआ कि केशव लाल हर परीक्षा में फेल होता गया। दो साल लगातार अपनी क्लास में फेल होने के बाद जब तीसरी बार कक्षा में फिर से नाम लिखवाकर वह आया। तब क्लास टीचर ने उसे हिदायते दीं, कि अगर इस बार भी वह फेल हुआ तो स्कूल से ही उसको निकाल दिया जाएगा। केशव लाल को लेकिन इन बातों की कोई परवाह नहीं थी। वह सुबह ही सुबह नाश्ता करके अपने कुछ बिगड़े साथियों के साथ बगीचे की तरफ निकल जाता और दिन भर गुल्लीडंडा, घरघोट आदि खेल खेलता रहता। (Moral Stories | Stories) एक बार गांव में आग लगने की चर्चा बड़े जोर से चली। हुआ यह कि गांव के कई घरों में बारी-बारी से आग लगी बहुत सारे घर जले और पुआल के टाल राख में बदल गए। केशव लाल और उसके साथी एक दिन योंही गप्पे मार रहे थे कि इस आग लगने की चर्चा जम गई। सुदिन ने कहा कि सबसे पहले उसी के घर में आग लगी थी। महिन्दर ने अपने घर का दूसरा नम्बर बताया। तीसरे नम्बर में प्रमोद का पुआल वाला टाल था जिसके साथ उसका अमरूद का पेड़ बुरी तरह झुलस गया था। इस तरह गांव के दस घरों में अबतक आग लग चुकी थी। अब पता नहीं ग्यारहवां नंबर किसका आता है। केशव लाल के मन में यह बात घुमडती रही कि इन लोगों के घर तो आग लगी मगर उसके घर अबतक क्यों नहीं लगी। अगर उसके घर भी आग लगी होती तो वह अपना नम्बर भी बता पाता। चलो, क्यों नहीं अपने घर में वह खुद ही आग लगाकर अपना ग्यारहवां नम्बर पूरा कर ही ले। घर में खाना खाकर सब सो चुके थे लेकिन केशव लाल की आंखों में नींद नहीं थी। दरवाजे पर नाना जी सोए थे। उनकी खर्राटों की आवाज जब आनी शुरू हुई तब केशव लाल अपने विछावन पर से उठा। वह आहिस्ते से रसोई घर की माचिस अपने हाथों में लेकर पिछुवारे आ गया और माचिस की एक तिल्ली जलाकर उसने पुआल के टाल पर फेंक दी। फिर वह चुपचाप अपनी नानी की रजाई में आकर दुबक गया। थोड़ी देर के अन्दर ही, किसो की जोर को आवाज आई... "आग-आग दौड़ो-दौड़ो"। (Moral Stories | Stories) फिर तो आग-आग के हो हल्ले के साथ ही सारा गांव जाग गया। लोग आग बुझाने की कोशिश करने लगे। गांव में कोई फायर ब्रिगेड है नहीं। लोग अपनी-अपनी बाल्टी लिए आए और पास के हैंड पंप से पानी लेकर आग बुझाने लगे। आग पुआल की टाल से दरवाजे की फूस छत में फैल गई। रात भर लोग आग से जूझते रहे। तब जाकर उस पर काबू पाया जा सका। एक अनहोनी घटना यह घटी कि केशव लाल के नाना जी इस आग में बुरी तरह झुलस गए। उन्हें शहर के अस्पताल में ले जाना पड़ा। केशव लाल को काटो तो खून नहीं। हालांकि नानाजी कुछ दिनों के बाद चंगे हो गए लेकिन केशव लाल अपनी करनी पर पछता रहा था। उससे नहीं रहा गया। नाना जी के पास जाकर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने नाना जी के पैर छुए और प्रतिज्ञा की कि वह अब कभी ऐसी हरकत नहीं करेगा। (Moral Stories | Stories) दूसरी सुबह केशव लाल के लिए एक नया सवेरा था। उसमें बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया। वह विनम्र हो गया। उसकी सारी शैतानी गायब हो गई पढ़ने में वह मन लगाने लगा। शिक्षक उसके बदलाव को देखकर चकित थे। केशव लाल की कक्षा के मॉनीटर का चुनाव होने वाला था। पिछले साल ही उसकी इच्छा थी कि वह बने लेकिन क्लास टीचर ने व्यंग्य किया था। मॉनीटर वही बनता है जो पढ़ने में तेज हो। तुम हो एक फिसड्डी लड़के, तुम जिन्दगी में कुछ भी नहीं कर सकते। इस बार के चुनाव में कई नाम थे। लेकिन केशव लाल में आए परिवर्तन और पढ़ने-लिखने की लगन को देखकर सभी लड़कों ने मिलकर उसे निर्विरोध मॉनीटर चुन लिया। क्लास टीचर भी खुश थे। इस तरह केशव लाल ने अपने जीवन की एक नई शुरूआत की जिसे देखकर नानी जी के चेहरे पर स्नेहसिक्त मुस्कान छा गई। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | short moral story | kids short stories | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Hindi Moral Stories | Kids Moral Stories | Kids Moral Story | hindi moral stories for kids | Hindi Moral Stories | hindi stories | Kids Stories | moral story in hindi | Moral Stories for Kids | moral story for kids | Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानी | छोटी नैतिक कहानी | छोटी नैतिक कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | नैतिक कहानियाँ | बच्चों की नैतिक कहानियाँ | हिंदी नैतिक कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | बच्चों की नैतिक कहानी यह भी पढ़ें:- Moral Story: एक सवाल तीन जवाब Moral Story: कुम्हार की चतुराई Moral Story: विद्वेष की भावना Moral Story: अच्छाई का फल #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Bal Kahani #Kids Moral Story #Moral Stories for Kids #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #hindi moral stories for kids #kids short stories #छोटी नैतिक कहानियाँ #नैतिक कहानियाँ #बच्चों की हिंदी कहानियाँ #moral story for kids #short moral story #moral story in hindi #छोटी नैतिक कहानी #बच्चों की नैतिक कहानी You May Also like Read the Next Article