हिंदी नैतिक कहानी: मेहनत की कमाई में ही सुख है पुरानी बात है, सुन्दरनगर नाम का एक गांव था वहां के अधिकतर लोग खेती बाड़ी करते थे। स्त्री-पुरूष सभी बड़ी धार्मिक प्रवृत्ति के थे। आपस में मिलजुल कर औैर बड़े प्रेम भाव से रहते थे। By Lotpot 19 Jun 2024 in Stories Moral Stories New Update मेहनत की कमाई में ही सुख है Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी नैतिक कहानी: मेहनत की कमाई में ही सुख है:- पुरानी बात है, सुन्दरनगर नाम का एक गांव था वहां के अधिकतर लोग खेती बाड़ी करते थे। स्त्री-पुरूष सभी बड़ी धार्मिक प्रवृत्ति के थे। आपस में मिलजुल कर औैर बड़े प्रेम भाव से रहते थे। एक दूसरे के दुख-सुख में हाथ बंटाते थे। एक बार पृथ्वी पर लक्ष्मी आई उन्होंने सुन्दरनगर वासियों को अपने पास बुलाया और अपना परिचय देते हुए कहा- "मैं लक्ष्मी हूं। यहां के वासियों को मैं उनकी इच्छा के अनुसार वरदान देने आई हूं। तुम लोगों में से जो भी कुछ मांगना चाहे वह आकर मुझसे मांग ले। पूर्णिमा की संध्या को मैं लक्ष्मी मंदिर में आऊंगी, सब वहीं पर इक्ट्ठे हो जाना"। (Moral Stories | Stories) किसानों के पुत्रों को, जो खेती बाड़ी करके फसल उपजाने के लिए अपना पसीना बहाते थे, लक्ष्मी जी द्वारा ऐसा सरल उपाय सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई और वे वरदान प्राप्त करने वाले दिन की बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा करने लगे। धरती मां युवकों में काम करने की लगन और उत्साह को ठंड़ा पड़ता हुआ देखकर विचलित हो उठीं। उन्होंने समस्त कृषक पुत्रों को बुलाया और बड़े स्नेह से समझाया और कहा- "पुत्रों! तुम मुफ्त की दौलत प्राप्त करने के चक्कर में मत पड़ो परिश्रम करते रहो, क्योंकि श्रम बिना मनुष्य को कुछ नहीं मिलता। तुम कर्म करते जाओ, मैं तुम्हे किसी भी तरह का अभाव नहीं रहने दूंगी"। धरती मां के परामर्श पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। सभी बिना कष्ट के लक्ष्मी का वरदान पाकर... धरती मां के परामर्श पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। सभी बिना कष्ट के लक्ष्मी का वरदान पाकर अधिक से अधिक धन प्राप्त करने के लिए आतुर थे। अतः वे रूके नहीं। नियत दिन, समय और स्थान पर सारे ग्रामवासी लक्ष्मी मन्दिर के सामने आकर एकत्रित हो गये। लक्ष्मी जी आईं, हर मांगने वाले की मुराद पूरी करने लगीं। सब ने धन ही मांगा, जो जितना मांगता उसे उतना ही मिल जाता। लोगों के घरों में सोने-चांदी और हीरे जवाहरात के ढेर लग गये। लक्ष्मी लोगों की अभिलाषा पूरी करके स्वर्ग लौट गईं। (Moral Stories | Stories) अपार धन पाकर लोग फूले नहीं समाये। परन्तु बिना परिश्रम का धन मनुष्य को नकारा तो बनाता ही है। अधिक दिन फलता भी नहीं, मुफ्त के धन का लोग खुले हाथों से उपयोग करने लगे और अनेक बुरे कामों में उपयोग करने लगे और अनेक बुरे कामों में फंस गये। और विलासी जीवन जीने लगे। शक्ति क्षीण हो गई। धन की कोई कमी न रहने के कारण खेती-बाड़ी करना तो उन्होंने कभी का छोड़ दिया था अब द्वार पर बंधे हुए ढोर गाय, भैंस-बैल सभी बेच दिये। सभी को अपने व्यवसाय से अरूचि सी हो गई थी। एकत्रित किया हुआ अन्न भंडार कब तक चलता? गोदाम खाली होने लगे। महंगाई बढ़ने लगी। कुछ ही दिनों में ऐसी स्थिति आ गई कि चीजों के दाम चरम सीमा पर पहुंच गये। इसके बाद ऐसा समय आया कि पैसा खर्चने पर भी खाद्य पदार्थों का मिलना कठिन हो गया। लोगो के पास दौलत थी, पर अन्न किसी को भी नहीं मिल रहा था। अन्न के अभाव में ग्रामवासी भूखे मरने लगे। देखते ही देखते अधिकांश ग्रामीण भूखे-प्यासे दुर्बल और शक्तिहीन होकर अनेक रोगों के चपेट में आ गये और मौत की गोद में जाने लगे। (Moral Stories | Stories) पृथ्वी ने एक दिन अपने उस क्षेत्र का भ्रमण किया जो सदा हरा भरा रहता था। वह वहां सूखे झाड़ झकांड देखकर दुखी हो उठीं। यहां के लोग कभी कितने सुख चैन का जीवन बसर करते थे, यह सोचकर उनके नैन भर आए। छोटी सी आबादी वाले गांव में केवल मुट्ठी भर जन जीवन शेष रह गया था। गांव शमशान जैसा हो गया था। धरती मैया यह दृश्य देखकर लक्ष्मी को कोसने लगीं। दुखी धरती मां ने अपने पुत्रों को एक बार फिर ललकारा और सचेत करते हुए कहा- "पुत्रों! अभी भी समय है, चले जाओ अपने फावड़े उठाओ और खेतों पर चलो। अपने परिश्रम से कमाई हुई दौलत में ही सच्चा सुख और आनन्द है। कुछ दिन जंगल से कन्द मूल खाकर जीवन रक्षा करो। कुछ ही समय में फिर अच्छे लोग आएंगे। धरती मां के आहवान से किसानों की आंखें खुल गईं। उन्हें अब आभास हो रहा था कि सचमुच अपने श्रम के बिना कमाया धन सुख शान्ति और खुशहाली नहीं देता। अगले दिन नर नारी हाथों में फावड़े कुदाल लिए हुए अपने अपने खेंतों की ओर चल दिए। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | majedar bal kahani | Bal Kahani in Hindi | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | bal kahani | Bal Kahaniyan | choti hindi kahani | kids hindi kahaniyan | kids hindi kahani | bachon ki hindi kahaniyan | hindi kahani | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi moral story | bachon ki hindi moral story | hindi moral stories for kids | Hindi Moral Story | Hindi Moral Stories | bachon ki naitik kahani | hindi naitik kahani | hindi naitik kahaniyan | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | मज़ेदार बाल कहानी | मजेदार बाल कहानी | बच्चों की बाल कहानी | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | प्रेरक हिंदी कहानी | बच्चों की हिंदी नैतिक कहानियाँ | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी कहानी | बच्चों की हिंदी प्रेरक कहानियां | बच्चों की शिक्षाप्रद कहानी | बच्चों की कहानियाँ | बच्चों की हिंदी कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | छोटी हिंदी नैतिक कहानी | हिंदी नैतिक कहानियाँ | बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी यह भी पढ़ें:- हिंदी नैतिक कहानी: राज्य का चुनाव बच्चों की नैतिक कहानी: बात बहुत छोटी सी बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: बैल और कुत्ते Moral Story: गुणीराम #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Hindi Moral Story #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #Kids Hindi Moral Stories #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids hindi moral story #hindi moral stories for kids #बच्चों की हिंदी कहानियाँ #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी #हिंदी नैतिक कहानियाँ #बच्चों की हिंदी कहानी #मजेदार बाल कहानी #Bal Kahani in Hindi #बच्चों की बाल कहानी #bachon ki hindi kahaniyan #hindi naitik kahani #बच्चों की कहानियाँ #मज़ेदार बाल कहानी #kids hindi kahani #kids hindi kahaniyan #बच्चों की शिक्षाप्रद कहानी #majedar bal kahani #bachon ki naitik kahani #choti hindi kahani #प्रेरक हिंदी कहानी #bachon ki hindi moral story #छोटी हिंदी नैतिक कहानी #hindi naitik kahaniyan #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानियाँ #बच्चों की हिंदी प्रेरक कहानियां You May Also like Read the Next Article