कविता : मेरा घर है जग से न्यारा
ह कविता हमारे घर की खूबसूरती और उसकी महत्ता को दर्शाती है। यह न केवल एक संरचना है बल्कि प्रेम, स्नेह, और सुरक्षा का प्रतीक है। घर हमें हर मुश्किल से बचाता है और सुख-दुख में हमारा साथी होता है।
ह कविता हमारे घर की खूबसूरती और उसकी महत्ता को दर्शाती है। यह न केवल एक संरचना है बल्कि प्रेम, स्नेह, और सुरक्षा का प्रतीक है। घर हमें हर मुश्किल से बचाता है और सुख-दुख में हमारा साथी होता है।
यह कविता चिड़िया माँ के बच्चों के प्रति अपार प्रेम और चिंता को दर्शाती है। चिड़िया माँ बच्चों के खाने-पीने का ध्यान रखते हुए बाहर जाती है, लेकिन अचानक बारिश शुरू हो जाती है।
यह कविता माँ और बच्चे के रिश्ते की मधुरता और गहराई को व्यक्त करती है। यह छोटे बच्चे की मासूम भावनाओं को दर्शाती है, जो अपनी माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता।
कविता "रसोईघर की बातें" एक मजेदार और जीवंत चित्रण है जो रसोईघर में इस्तेमाल होने वाले सामानों को मानवीय रूप देती है। इसमें चकला, बेलन, चाकू, छलनी, और थाली जैसे पात्रों के माध्यम से उनके रोजमर्रा के कामों का वर्णन किया गया है।
"देखो देखो डाकिया आया" एक सरल और प्यारी कविता है जो बच्चों के लिए डाकिए की भूमिका और उसके महत्व को दर्शाती है। कविता में एक डाकिए का वर्णन किया गया है, जो खाकी कपड़े पहने, एक थैला लिए, चिट्ठियां बांटता हुआ नजर आता है।
यह कविता एक मासूम और चंचल बच्ची की कहानी है, जो अपनी टोकरियां भरकर बाजार में आम बेचने जाती है। वह नटखट अंदाज में आम दिखाती है, लेकिन उनके दाम नहीं बताती।
यह कविता सर्दी के मौसम, जिसे "जाड़ा" कहा गया है, के प्रभाव और अनुभवों को बड़े ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत करती है। कवि ने जाड़े की ठंड को इस प्रकार व्यक्त किया है कि हर कोई सर्दी की ठिठुरन में "धर-धर" काँप रहा है।