दीपों का त्योहार - दिवाली कविता
दिवाली कविता- यह कविता बच्चों को दिवाली के त्योहार का महत्व समझाने के लिए लिखी गई है। दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।
दिवाली कविता- यह कविता बच्चों को दिवाली के त्योहार का महत्व समझाने के लिए लिखी गई है। दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।
यह कविता प्रकृति की महत्ता को उजागर करती है, विशेषकर पेड़ों की भूमिका पर जोर देती है। यह लोगों को संदेश देती है कि पेड़ हमारी पृथ्वी का अनिवार्य हिस्सा हैं और उन्हें बचाना चाहिए। पेड़ न केवल पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं।
मम्मी के हाथ का बना खाना न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें उनके प्रेम और देखभाल की महक भी होती है। यह कविता बच्चों को मम्मी के हाथों के खाने के महत्व और उसके अद्भुत स्वाद के बारे में बताती है।
मोर का नृत्य : मोर का नृत्य न केवल एक प्राकृतिक चमत्कार है बल्कि यह हमारे भारतीय संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कविता मोर के अद्भुत नृत्य और उसके वर्णन को और अधिक विस्तृत रूप में प्रस्तुत करती है।
"भाई चारा" कविता बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश देती है, जिसमें मिल-जुलकर चलने और प्यार बांटने का महत्व बताया गया है। यह कविता नफरत और भेदभाव को दूर भगाने, और एकता के साथ जीवन जीने का संदेश देती है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व बच्चों के लिए भी खास होता है, क्योंकि वे भगवान गणेश की मूर्ति सजाते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं, और ढेर सारी मस्ती करते हैं।
यह कविता बच्चों को समझाती है कि समय का सही उपयोग करना चाहिए और पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। इसमें ज्ञान प्राप्ति के महत्व को उजागर किया गया है, जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है।