Motivational Story: प्राण की बाजी
एक बार उत्तरी वर्जिनिया में कुछ युवक भ्रमण के लिए पहुंचे। भ्रमण करते-करते एक जगह जब वे भोजन करने के लिए बैठे तो उन्हें किसी स्त्री के रोने की आवाज सुनाई दी। वह जोर-जोर से कह रही थी, मुझे छोड़ दो, मुझे छोड़ दो।
एक बार उत्तरी वर्जिनिया में कुछ युवक भ्रमण के लिए पहुंचे। भ्रमण करते-करते एक जगह जब वे भोजन करने के लिए बैठे तो उन्हें किसी स्त्री के रोने की आवाज सुनाई दी। वह जोर-जोर से कह रही थी, मुझे छोड़ दो, मुझे छोड़ दो।
एक कंपनी को एक योग्य व्यक्ति की तलाश थी। इसके लिए अखबारों में विज्ञापन दिया गया। पचास लोग साक्षात्कार देने आए। साक्षात्कार लेने के लिए खुद कंपनी का मालिक अपने एक मित्र के साथ बैठा।
किसी गांव में एक भक्त रहता था लोगों का मानना था कि उन्हें ईश्वर ने दर्शन दिए हैं, इसलिये गांव में उनकी बड़ी मान्यता थी। एक दिन गांव में बाढ़ आई। भक्त के चाहने वाले उन्हें बचाकर अपने साथ ले जाने के लिए उनके पास पहुंचे।
उस दिन भी पहले पूरब दिशा लाल हुई और तब नये साल का सूरज उग आया। हरी मखमली घास पर फैला कोहरा सूखने लगा और काफी देर बाद जब सर्दी काफी कम हो गई तो मोटा मेंढ़क अपने गर्म घर को छोड़कर बाहर निकल आया।
राजेश और अनुराग बहुत गहरे दोस्त थे दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। लेकिन दोनों के स्वभाव में अंतर था। राजेश किसी भी बात पर जल्दी गुस्सा हो जाता था। इसीलिए उसका किसी न किसी से झगड़ा हो जाता था।
विनोद एक बहुत शरारती लड़का था वह माता-पिता का इकलौता बेटा था उन के लाड-प्यार से इतना बिगड़ चुका था कि उसको समझाना बिल्कुल व्यर्थ होकर रह गया था वह स्कूल में जाता तो शरारत करता राहगीरों को परेशान करता।
एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था।