हिंदी जंगल कहानी: हिरण और कछुआ
Web Stories: जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग
Web Stories: जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग
जीवन में हार और जीत दोनों का अपना महत्व होता है। कभी-कभी हारने के बाद भी हमें ऐसी सीख मिलती है, जो आगे चलकर हमारी सबसे बड़ी ताकत बन जाती है। यह कहानी एक ऐसे स्कूल के लड़के की है,
मेरा एक दोस्त माॅंटी राॅबर्ट्स, जो सैन सिडरो में अपना एक पशु फार्म चलाता है। उसने अपना घर मुझे इस्तेमाल करने के लिए दिया,ताकी में वहां युवाओं के लिए कुछ इवेंट्स करवाकर पैसे उगाह सकूं।
नर्मदा नदी के किनारे एक गांव था - कमलपुर। वहां एक बुढ़िया रहती थी, जिसका एक ही बेटा था - विक्रम। वह बेहद बलशाली था। हर कोई उसकी ताकत से डरता था,
किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे।
एक दिन एक नई घड़ी की मुलाकात एक बहुत पुरानी और बूढ़ी घड़ी से हो गई। बूढ़ी घड़ी की शक्ल देखकर ही पता चलता था कि वह काफी पुरानी है, लेकिन उसकी चाल में अब भी काफी चुस्ती थी।
कई दिनों से बारिश नहीं हो रही थी सभी परेशान थे जिनमें नंदिनी नाम की वह छोटी सी लड़की भी शामिल थी, नंदिनी ने जब घुमडते बादलों को देखा तो वह उनसे बोली- “ऐ मेघा तुम हमारे यहां क्यों नहीं बरसते देखते नहीं कितने परेशान हैं हम!”