Motivational Story: बड़े लक्ष्यों पर ध्यान दें
एक विशेषज्ञ ‘समय प्रबंधन’ छात्रों को सम्बोधित कर रहा था। इस दौरान उसने छात्रों के सामने एक ऐसा उदाहरण रखा जो उन्हें सदैव याद रहा। उसके सभी छात्र सर्वोत्तम श्रेणी के थे जिनके सामने वह खड़ा था।
एक विशेषज्ञ ‘समय प्रबंधन’ छात्रों को सम्बोधित कर रहा था। इस दौरान उसने छात्रों के सामने एक ऐसा उदाहरण रखा जो उन्हें सदैव याद रहा। उसके सभी छात्र सर्वोत्तम श्रेणी के थे जिनके सामने वह खड़ा था।
बनारस में एक बड़े धनवान सेठ रहते थे। वह विष्णु भगवान के परम भक्त थे और हमेशा सच बोला करते थे। एक बार जब भगवान सेठ जी की प्रशंसा कर रहे थे तभी माँ लक्ष्मी ने कहा, ”स्वामी, आप इस सेठ की इतनी प्रशंसा किया करते हैं।
किसी गांव में राम नाम का एक नवयुवक रहता था। वह बहुत मेहनती था, पर हमेशा अपने मन में एक शंका लिए रहता कि वो अपने कार्यक्षेत्र में सफल होगा या नहीं। कभी-कभी वो इसी शंका के कारण आवेश में आ जाता।
बहादुर सिंह गाँव के संपन्न किसानों में से एक थे। भरा पूरा घर था, किसी चीज़ की कमी ना थी। कमी थी तो बस एक चीज की, भगवान ने जितना दिया उससे कभी खुश नहीं रहते थे। बहादुर सिंह को हमेशा भगवान से यही शिकायत रहती थी।
दागिस्तान एक खुश्क मरूस्थल है, जहां चारों ओर रेत और पत्थरों के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता। वहां एक खुश्क मैदान के बीच एक छोटा सा पत्थर खड़ा है। जो एक बच्चे के समान प्रतीत होता है।
गाँव के स्कूल में पढ़ने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी, उसका दाखिला शहर के एक अच्छे स्कूल के क्लास 6 में हो गया था। आज स्कूल का पहला दिन था और वो समय से पहले ही तैयार होकर बस का इंतज़ार कर रही थी।
दिवाली के दिन पटाखों की आवाज़ों की वजह से चंदन अपने कानों को हाथ से ढक रहा था ताकि पटाखों की आवाज़ उसके कानों में ना जाए। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। हर जगह पटाखे फूट रहे थे।