Motivational Story: एक ही रास्ता
रैकेट बॉल (टेनिस) की विश्व चैंपियनशिप का फाइनल मैच चल रहा था। रुबेन गॉनजेलिस फाइनल मैच खेल रहे थे। उनके प्रतिद्वंदी और उनमें कड़ी टक्कर थी। दर्शक सांस रोके मैच देख रहे थे।
रैकेट बॉल (टेनिस) की विश्व चैंपियनशिप का फाइनल मैच चल रहा था। रुबेन गॉनजेलिस फाइनल मैच खेल रहे थे। उनके प्रतिद्वंदी और उनमें कड़ी टक्कर थी। दर्शक सांस रोके मैच देख रहे थे।
भगवान श्रीकृष्ण को उज्जयिनी के सुविख्यात विद्वान और धर्मशास्त्रों के प्रकांड पंडित ऋषि संदीपनी के पास विद्या अध्ययन के लिए भेजा गया। ऋषि संदीपनी भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा को एक साथ बिठाकर शास्त्रों की शिक्षा देने लगे।
वैसे तो इस दुनिया में लोग जिंदा रहने के लिए खाना खाते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी पाये जाते हैं जो खाने के लिए जिंदा रहते हैं। ऐसे लोगों में से एक हमारे सहपाठी पेटूनंद जी थे।
किसी गांव में एक किसान रहता था, उसकी एक सुन्दर बेटी थी। दुर्भाग्यवश, गांव के जमींदार से उसने बहुत सारा धन उधार लिया हुआ था। जमींदार बूढ़ा था। किसान की सुदंर बेटी को देखकर उसे उसके साथ विवाह करने की इच्छा हुई।
देखने में तो कविता लापरवाह और बुद्धू सी लगती थी परन्तु थी बहुत होशियार। चलते-फिरते उठते-बैठते यहां तक कि सोते में भी वह बहुत चैकन्नी रहती थी। छोटी से छोटी बात पर भी उसका ध्यान अनायास ही चला जाता था।
भोला भालू ने जंगल में मिठाई की दुकान खोल रखी थी। उसकी मिठाईयां स्वादिष्ट भी होती थीं और बिकती भी खूब थीं। भोला भालू बहुत भोला था। अपने परिवार में तो क्या, आस-पड़ोस में भी यदि कोई जानवर बीमार पड़ जाता तो वह सेवा में लगा रहता।
एक फकीर ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी। सुबह का वक्त था और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था। संयोग की बात थी कि सामने ही सम्राट मिल गया। फकीर ने अपना पात्र उसके सामने कर दिया। सम्राट ने कहा, ‘क्या चाहते हो?’