Fun Story: सुदामा और कृष्ण की दोस्ती
सुदामा भगवान कृष्ण के बचपन के मित्र थे। सुदामा का जन्म एक गरीब ब्राहमण परिवार में हुआ था वहीं श्री कृष्ण एक अमीर परिवार में पैदा हुए थे। पर उनकी दोस्ती में कभी भी अमीरी और गरीबी की वजह से दरार नहीं आई।
सुदामा भगवान कृष्ण के बचपन के मित्र थे। सुदामा का जन्म एक गरीब ब्राहमण परिवार में हुआ था वहीं श्री कृष्ण एक अमीर परिवार में पैदा हुए थे। पर उनकी दोस्ती में कभी भी अमीरी और गरीबी की वजह से दरार नहीं आई।
एक था राजा, उसके राज्य की प्रजा बहुत सुखी और समृद्ध थी। लेकिन खुद वह बेचारा बहुत दुखी रहता था। इसका कारण राजा के चेहरे व पैरों में कुछ सफेद निशान थे। उसने अनेक वैद्यों से इसका इलाज करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
बहुत दिन पहले एक रात रामगढ़ राज्य में चार चोर चोरी करने निकले। उन दिनों राज्य का राजा रात के समय भेष बदलकर जनता के दुख दर्द जानने के लिए घूमा करता था। संयोग से उन चोरों का सामना राजा से हो गया। राजा ने पूछा, ‘तुम लोग कौन हो?
महाभारत के अद्वितीय योद्धा महाबली भीम के बल और पौरूष में तुलना करने वाला उस समय कोई नहीं था। इनका जन्म वायु देव के अंग से हुआ था। इनके जन्म के समय यह आकाशवाणी हुई थी, कि यह कुमार बलवानों से सर्वश्रेष्ठ होगा।
महेश और राजेन्द्र दोनों पड़ोसी थे। वे साथ ही स्कूल जाया करते और साथ ही वापस आते थे। महेश बहुत मोटा पर भोला था, जबकि राजेन्द्र पतला-दुबला और बेहद शैतान था। महेश पढ़ाई-लिखाई में राजेन्द्र से अधिक तेज़ था।
देवर्षि नारद को अभिमान हो गया कि उनसे बड़ा भक्त त्रिलोक में कोई नहीं है। एक दिन वह भगवान विष्णु से पूछ बैठे, ‘भगवान, आपका सबसे बड़ा भक्त कौन है।’ भगवान नारद के मन की बात ताड़ गए।
बहुत समय की बात है एक जंगल में एक छोटा सा गांव था। गांव में ब्रह्म दत्त नाम का एक आदमी रहता था। उसके घर के पिछवाड़े एक पहाड़ी थी। ब्रह्म दत्त का कृष्णा दत्त नाम का एक लड़का था।