Jungle Story: चोर के घर चोर
वन मे कुछ दिन से चोरी होना शुरू हो गयी थी। छोटी से बड़ी चीज तक रोज रोज चोरी होने लगी। एक दिन भालू का पेन सैट चोरी हो गया एक दिन हिरन के घर से हिरनी के जेवर गायब हो गए।
वन मे कुछ दिन से चोरी होना शुरू हो गयी थी। छोटी से बड़ी चीज तक रोज रोज चोरी होने लगी। एक दिन भालू का पेन सैट चोरी हो गया एक दिन हिरन के घर से हिरनी के जेवर गायब हो गए।
किसी जंगल में एक बहुत बड़ा तालाब था। तालाब के पास एक बगीचा था, जिसमे अनेक प्रकार के पेड़ पौधे लगे थे। दूर-दूर से लोग वहाँ आते और बगीचे की तारीफ करते।
उस दिन भी पहले पूरब दिशा लाल हुई और तब नये साल का सूरज उग आया। हरी मखमली घास पर फैला कोहरा सूखने लगा और काफी देर बाद जब सर्दी काफी कम हो गई तो मोटा मेंढ़क अपने गर्म घर को छोड़कर बाहर निकल आया।
एक रात की बात है, बरसात की वह अंधेरी रात थी। एक बंदर की एक उड़ते हुए जुगनू पर नज़र पड़ गयी। उसने लपक कर उसे पकड़ लिया। बंदर ने खिसिया कर कहा, ‘भाग कर कहाँ जाओगे! डरपोक कहीं के। अंधेरे से डरते हो, तो बाहर क्यों निकलते हो?
एक जंगल था, उस जंगल में बहुत से जानवर रहते थे। शेर भी रहता था। वह बूढ़ा हो चला था। उसे शिकार करने में कठिनाई होती थी। बड़े दिनों से उसे कोई शिकार नहीं मिला था। इसलिए उसने अपने साथी ऊंट को ही अपना शिकार बना लिया।
बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे। सरोवर के बीचों-बीच एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था जिसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था। खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी।
एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्डों के बीच आ गया। कुछ दिनों बाद उन अण्डों में से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमे से एक था। वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा। वो वही करता जो बाकी चूजे करते।