हिंदी जंगल कहानी: बुराई का नतीजा
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।
चुनमुन चूहा बहुत ही पेटू था। उसे हर समय सिर्फ खाने की ही फिक्र लगी रहती थी। खाने की लालच में कभी-कभी तो वह अपने पड़ोसियों के घरों में भी घुस जाता था और जो भी खाना उसे नजर आता, वह फौरन चट कर जाता।
एक जंगल में एक हाथी और एक बकरी रहते थे। दोनों बहुत पक्के दोस्त थे। दोनों साथ में मिलकर हर दिन खाने की तलाश करते और साथ में ही खाते थे। एक दिन दोनों खाने की तलाश में अपने जंगल से बहुत दूर निकल गए।
एक था नंदन वन उसमें रहने वाले चीकू और मीकू खरगोश बहुत पक्के मित्र थे। दिन भर दोंनों मित्र खूब उछल-कूद मचाते और शाम होते ही घर लौट आते। चीकू बहुत बुद्धिमान था, लेकिन डरपोक और आलसी था।
मबावा नाम का एक सियार था, एक दिन उसने फलों से लदे पेड़ को खोज निकाला। उसने पेड़ से गिरे पके रसीले फल इकठ्ठे किये और बस उनका स्वाद लेकर खाने बैठा ही था कि उसे दूर से आती शेर की दहाड़ सुनाई दी।
नन्हा मिक्की चूहा होश संभालने के बाद आज पहली बार अपने बिल से बाहर निकल कर जंगल की विशाल दुनिया में घूमने को निकला। बिल से बाहर आते ही बाहर की तेज रोशनी से उसकी आंखें चकाचौंध होती गईं।
भोला भालू ने जंगल में मिठाई की दुकान खोल रखी थी। उसकी मिठाईयां स्वादिष्ट भी होती थीं और बिकती भी खूब थीं। भोला भालू बहुत भोला था। अपने परिवार में तो क्या, आस-पड़ोस में भी यदि कोई जानवर बीमार पड़ जाता तो वह सेवा में लगा रहता।