जंगल की मजेदार कहानी - लोमड़ी और कौवा
एक बार की बात है, एक हरा-भरा जंगल था जहां कई जानवर मिल-जुलकर रहते थे। एक बड़े पेड़ की ऊंची डाल पर एक चालाक कौवा रहता था। वह अपने भोजन को चुराने से लेकर बचाने तक के लिए मशहूर था।
एक बार की बात है, एक हरा-भरा जंगल था जहां कई जानवर मिल-जुलकर रहते थे। एक बड़े पेड़ की ऊंची डाल पर एक चालाक कौवा रहता था। वह अपने भोजन को चुराने से लेकर बचाने तक के लिए मशहूर था।
पुराना साल बीत चुका था। नए वर्ष का प्रथम दिन था। विद्यालय में पहली घंटी अभी-अभी बज कर खामोश हुई थी। कक्षा में हर विद्यार्थी अपने-अपने सहपाठी से अपनी अनोखी बातें सुनाने को उत्सुक था।
चंपकपुर जंगल में जानवरों की मस्ती का कोई जवाब नहीं था। यहां के जानवर हंसी-खुशी अपना जीवन बिताते थे। जंगल के दो सबसे मजेदार साथी थे - मोंटी बंदर और भोलू गधा।
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक ऊंचे पेड़ पर एक गौरैया का घोंसला था। वह घोंसला उसका प्यारा घर था, जिसमें वह और उसके बच्चे रहते थे। सर्दी के दिन थे, और कड़ाके की ठंड से पूरा जंगल ठिठुर रहा था।