Fun Story: ऐसे रंगे रामगुनी
पंडित रामगुनी को होली के रसरंग से सख्त नफरत थी। वे इसे गंवारों का त्यौहार मानकर इससे कोसों दूर रहते। इस दिन सुबह से ही बैठक के भारी भरकम दरवाजे की कुंडी चढ़ाकर आराम से लेट जाते फिर किसकी औकात।
पंडित रामगुनी को होली के रसरंग से सख्त नफरत थी। वे इसे गंवारों का त्यौहार मानकर इससे कोसों दूर रहते। इस दिन सुबह से ही बैठक के भारी भरकम दरवाजे की कुंडी चढ़ाकर आराम से लेट जाते फिर किसकी औकात।
कंस ने मथुरा के राजा वासुदेव से उनका राज्य छीनकर अपने अधीन कर लिया स्वयं शासक बनकर आत्याचार करने लगा। एक भविष्यवाणी द्वारा उसे पता चला कि वासुदेव और देवकी का आठवाँ पुत्र उसके विनाश का कारण होगा।
किसी जंगल में एक बहुत बड़ा तालाब था। तालाब के पास एक बगीचा था, जिसमे अनेक प्रकार के पेड़ पौधे लगे थे। दूर-दूर से लोग वहाँ आते और बगीचे की तारीफ करते।
एक बार उत्तरी वर्जिनिया में कुछ युवक भ्रमण के लिए पहुंचे। भ्रमण करते-करते एक जगह जब वे भोजन करने के लिए बैठे तो उन्हें किसी स्त्री के रोने की आवाज सुनाई दी। वह जोर-जोर से कह रही थी, मुझे छोड़ दो, मुझे छोड़ दो।
किसी गांव में एक भक्त रहता था लोगों का मानना था कि उन्हें ईश्वर ने दर्शन दिए हैं, इसलिये गांव में उनकी बड़ी मान्यता थी। एक दिन गांव में बाढ़ आई। भक्त के चाहने वाले उन्हें बचाकर अपने साथ ले जाने के लिए उनके पास पहुंचे।
उस दिन भी पहले पूरब दिशा लाल हुई और तब नये साल का सूरज उग आया। हरी मखमली घास पर फैला कोहरा सूखने लगा और काफी देर बाद जब सर्दी काफी कम हो गई तो मोटा मेंढ़क अपने गर्म घर को छोड़कर बाहर निकल आया।
आधी छुट्टी की घंटी बजी तो बच्चे अपना अपना बस्ता उठा कर पार्क की ओर भागे। कुछ स्कूल कैन्टीन में चले गए। इन बच्चोें में एक बच्चा ऐसा भी था, जो सबसे अलग जा रहा था। जब वह खाना नहीं लाता था।