Motivational Story: हिम्मत से बचाव
जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था।
जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था।
मेरा एक दोस्त मॉन्टी रॉबर्ट्स, जो सैन सिडरो में अपना एक पशु फार्म चलाता है। उसने अपना घर मुझे इस्तेमाल करने के लिए दिया, ताकि मैं वहां युवाओं के लिए कुछ इवेंट्स करवाकर पैसे कमा सकूं।
एक मोची भगवान का सच्चा भक्त था। जब वह प्रतिदिन जूते मरम्मत व गांठने का काम करता तो उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बहती रहती। वह मन ही मन कहता- हे भगवान! मैं कब आपके सुंदर मुख के दर्शन कर सकूंगा?
चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। एक अदने ब्राहमण से वह महामंत्री बना था। नंद के अपमान फलस्वरूप उसने प्रतिज्ञा की थी, ‘मैं नंद का वंश-वृक्ष समूल रूप से नष्ट कर दूंगा।’
छत्रपति शिवाजी एक कुशल शासक होने के साथ ही साथ अनुशासन प्रिय योद्धा भी थे। अपने किलों की सुरक्षा और सैनिक व्यवस्था के प्रति उनकी सजग दृष्टि रहती थी। उनके किलों में रायगढ़ का किला सबसे महत्वपूर्ण था।
मेरे पिता की सिर्फ एक आंख थी, मुझे उनसे नफरत थी, उनके साथ होते हुए मुझे शर्म आती थी। वह परिवार को चलाने के लिए छात्रों और शिक्षकों के लिए खाना बनाते थे। एक दिन जब मैं प्राथमिक पाठशाला में था, मेरे पिता मुझे हैलो कहने आए थे।
एक दिन मैं रेल में सफर कर रहा था जब किशोरों का एक समूह गाड़ी में सवार हो गया। जल्दी ही पूरा डिब्बा हंसी और खुशी की किलकारियों से भर गया और मैं भी इसका आंनद लेने लगा जब अचानक ही मौत जैसी चुप्पी पसर गई।