Motivational Story: अरस्तू की हार
चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। एक अदने ब्राहमण से वह महामंत्री बना था। नंद के अपमान फलस्वरूप उसने प्रतिज्ञा की थी, ‘मैं नंद का वंश-वृक्ष समूल रूप से नष्ट कर दूंगा।’
चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। एक अदने ब्राहमण से वह महामंत्री बना था। नंद के अपमान फलस्वरूप उसने प्रतिज्ञा की थी, ‘मैं नंद का वंश-वृक्ष समूल रूप से नष्ट कर दूंगा।’
छत्रपति शिवाजी एक कुशल शासक होने के साथ ही साथ अनुशासन प्रिय योद्धा भी थे। अपने किलों की सुरक्षा और सैनिक व्यवस्था के प्रति उनकी सजग दृष्टि रहती थी। उनके किलों में रायगढ़ का किला सबसे महत्वपूर्ण था।
मेरे पिता की सिर्फ एक आंख थी, मुझे उनसे नफरत थी, उनके साथ होते हुए मुझे शर्म आती थी। वह परिवार को चलाने के लिए छात्रों और शिक्षकों के लिए खाना बनाते थे। एक दिन जब मैं प्राथमिक पाठशाला में था, मेरे पिता मुझे हैलो कहने आए थे।
एक दिन मैं रेल में सफर कर रहा था जब किशोरों का एक समूह गाड़ी में सवार हो गया। जल्दी ही पूरा डिब्बा हंसी और खुशी की किलकारियों से भर गया और मैं भी इसका आंनद लेने लगा जब अचानक ही मौत जैसी चुप्पी पसर गई।
फटे-पुराने कपड़े पहने एक महिला पंसारी की दुकान में गई और बहुत विनम्रतापूर्वक ढंग से बताया कि उसका पति बीमार है और वह कोई काम-धंधा करने में असमर्थ है। उसके 7 बच्चे हैं, जिनका भरण-पोषण करने के लिए मुझे उधार समान की जरूरत है।
नट्टू बड़ा आलसी लड़का था। वह सुबह देर से उठा करता था। पढ़ाई में उसका मन बिल्कुल नहीं लगता था। कहने को तो वह रात के ग्यारह बजे तक पढ़ता था। लेकिन आँखों में नींद भरी होने के कारण उसकी समझ में कुछ नहीं आता था।
विख्यात साहित्यकार मार्क ट्वेन की प्रसिद्ध उक्ति है, ‘आज से बीस साल बाद आप उन चीजों से ज्यादा मायूस होंगे जो आपने नहीं कीं, बजाय उन चीजों के जो आपने की हैं। इसलिए सारे सहारे फेंक दें, सुरक्षित किनारों को छोड़ दें।