हिंदी प्रेरक कहानी: अत्याचार का प्रतीक
करीब तीन सौ वर्ष पहले की बात है। गढ़वाल के पूर्वी क्षेत्र खैरागढ़ में राजा भानशाही का शासन था। राजा सदैव प्रजा के हित का ध्यान रखता था, अत: उसकी प्रजा बहुत सुखी और प्रसन्न थी।
करीब तीन सौ वर्ष पहले की बात है। गढ़वाल के पूर्वी क्षेत्र खैरागढ़ में राजा भानशाही का शासन था। राजा सदैव प्रजा के हित का ध्यान रखता था, अत: उसकी प्रजा बहुत सुखी और प्रसन्न थी।
एक गांव में पिंकू नाम का एक लड़का रहता था, जिसे तरह-तरह की चॉकलेट्स बहुत पसंद थी। उसकी नानी यह बात जानती थीं और अक्सर पिंकू का अपने घर में स्वागत करने के लिए ढेर सारी चॉकलेट्स देती थीं।
अरे! यह क्या हो गया तुम्हें यह चोट कैसे लगी? किशोर की बुरी हालत देख कर सारा परिवार उसकी ओर बाहर भागा। देखा तो किशोर कई जगह से चोटिल दिखाई दिया। सड़क पर गिर जाने से यह चोटें आई हैं।
बादशाह शाहजहां के चार लड़के थे- दारा, शुजा, मुराद और औरंगजेब। इनमें से किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाना था। बादशाह ने स्वयं कई दिनों तक इस प्रश्न पर विचार किया।
नवलगढ़ में एक राजा राज करता था। राजा का नाम था हीरासिंह। हीरासिंह बहुत पराक्रमी राजा था। उसने कई राज्यों को जीत कर अपने राज्य में मिला लिया था। हीरासिंह के भय से दूसरे देशों के राजा थरथर कांपते थे।
राजस्थान की एक रियासत पर श्यामराज नाम का राजा राज करता था। वह जितना अधिक शक्तिशाली था, उतना ही अच्छा चित्रकार भी था। उसे नए-नए भवन बनवाकर उसमें चित्रकारी करने का शौक था।
रामगढ़ रियासत के राजा का नाम समर सेन था। वह बहुत दयालु था। एक बार राजा समर सेन शिकार खेलने अकेले जंगल में गया। शिकार खेलते हुए वह काफी दूर निकल गया और वापस लौटते समय रास्ता भटक गया।