Fun Story: मूर्खश्रेष्ठ मैं नहीं तो कौन
Web Stories: होली का उत्साह था और विजयनगर के राजदरबारियों की उमंग का ठिकाना नहीं था क्योंकि राजा कृष्णदेव राय होली के दिन मूर्खश्रेष्ठ का पुरस्कार दिया करते थे। हर बार
Web Stories: होली का उत्साह था और विजयनगर के राजदरबारियों की उमंग का ठिकाना नहीं था क्योंकि राजा कृष्णदेव राय होली के दिन मूर्खश्रेष्ठ का पुरस्कार दिया करते थे। हर बार
Web Stories: एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो बड़ा खुश था, उछलते-कूदते वो दादाजी के पास पहुंचा और बड़े गर्व से बोला,
Web Stories: एक महिला अस्पताल में भर्ती थी वह ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थी। उसका बेटा और बाकी रिश्तेदार वही आस-पास खड़े थे। और कुछ ही घंटो बाद उसकी मृत्यु हो गयी।
Web Stories: एक बार कक्षा में किसी अध्यापक ने बारह वर्षीय प्रफुल्ल से यूं ही पूछा, ‘पढ़ लिखकर तुम क्या बनना चाहोगे?’ ‘डाक्टर झट से उसने जवाब दिया। ‘डाक्टर ही क्यों?’
Web Stories: एक किसान के दो बेटे थे रमन और हरीश। रमन बड़ा था और हरीश छोटा था। किसान दिन रात मेहनत करता था। वह चाहता था कि किसी तरह उसके दोेनों लड़के पढ़ लिख जाएं।
Web Stories: एक बार एक पिता-पुत्र एक घोड़ा लेकर जा रहे थे। पुत्र ने पिता से कहा ‘‘आप घोड़े पर बैठें, मैं पैदल चलता हूं"। पिता घोडे़ पर बैठ गया। मार्ग से जाते समय लोग कहने
Web Stories: रामपुर के सेठ रामलाल, बहुत ही समझदार दानी व नेकदिल इन्सान थे। इस कारण गाँव के सभी लोग उनको चाहते थे। एक दिन, उनके एक दरबान ने आकर, उनको यह खबर दी