चोर को मोर: एक मज़ेदार बाल कहानी
"चोर को मोर"। यह कहानी नरेंद्र देवांगन की मूल कहानी से प्रेरित है, लेकिन इसे नए किरदारों, विस्तृत घटनाओं और मज़ेदार मोड़ के साथ परिवर्तित और लंबा किया गया है। तो चलिए, इस कहानी की सैर पर निकलते हैं!
"चोर को मोर"। यह कहानी नरेंद्र देवांगन की मूल कहानी से प्रेरित है, लेकिन इसे नए किरदारों, विस्तृत घटनाओं और मज़ेदार मोड़ के साथ परिवर्तित और लंबा किया गया है। तो चलिए, इस कहानी की सैर पर निकलते हैं!
Web Stories: निलेश बहुत ही शरारती लड़का था। जानवरों को मारने-पीटने और परेशान करने में उसे बहुत मजा आता था। निलेश हमेशा अपने पास एक गुलेल रखता था। इस गुलेल का प्रयोग वह
Web Stories: कालू भालू बहुत ही साधारण दिखने वाला भालू था। उसके पिता मालू भालू जंगल में व्यापार करते थे, एक बार वे बहुत ही बीमार हो गए। तब व्यापार चलाने के लिए कालू
Web Stories: एक चिंटू नाम का बंदर था। वह बहुत शरारती और नटखट था। उसके कारण जंगल के सारे जानवर बहुत परेशान रहते थे। शरारत करने के बाद वो अपने आपको इस चालाकी से बचा लेता
Web Stories: गोपू और धनिक के बीच कोई मित्रता नहीं थी और न ही उनके जीवन में कोई समानता। गोपू एक गरीब मजदूर था, जो दिनभर खेतों में कड़ी मेहनत करता। दूसरी ओर, धनिक
Web Stories: बड़ी-बड़ी इमारतों, चमकती सड़कों और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी के बीच, क्या किसी बच्चे के पास वक्त होता है दूसरों के लिए रुकने का? होता है... अगर उसका नाम आरव हो।
चमकती सड़कों और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी के बीच, क्या किसी बच्चे के पास वक्त होता है दूसरों के लिए रुकने का? होता है... अगर उसका नाम आरव हो। यह कहानी है "सुनागर सिटी" की, और उस रहम दिल लड़के की जिसने दिखा दिया कि इंसानियत सिर्फ किताबों में नहीं