मोटू पतलू ई-कॉमिक्स: मोटू पतलू और बोलने वाला गधा
एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए पैसे कमाने के बारे में सोच रहे थे। तभी उनको एक आवाज़ सुनाई देती है मोटू पतलू कहां हो तुम, मैं स्वर्ग लोक से तुमसे मिलने आया हूं।
एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए पैसे कमाने के बारे में सोच रहे थे। तभी उनको एक आवाज़ सुनाई देती है मोटू पतलू कहां हो तुम, मैं स्वर्ग लोक से तुमसे मिलने आया हूं।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, फुरफुरी नगर के वासी छुट्टियों का मज़ा ले रहे थे। डॉ. झटका अपने घर में आराम कर रहे थे, तभी घसीटा भागता हुआ वहां आ जाता है और बोलता है- झटके! ओ झटके! मोटू ने तो कमाल कर दिया।
फुरफुरी नगर में आज भी सबकुछ अन्य दिनों की तरह सामान्य चल रहा था, मगर फुरफुरी नगर की गलियों में आज बच्चों के लिए एक अलग ही आकर्षण मौजूद था। और वो था एक गेम वाला जो कोई नए तरीके का गेम सभी बच्चों को बाँट रहा था।
एक दिन मोटू और पतलू बाहर घूम रहे थे तभी उनको बहुत सारे लोग लड्डू ले जाते हुए दिखाई दिए। मोटू लड्डू देख कर पतलू से पूछता है की भाई ये लोग इतने सारे लड्डू लेकर कहाँ जा रहे हैं।
मार्च का महीना चल रहा था, होली का त्योहार भी आने वाला था, जगह-जगह मेले और प्रदर्शिनी लगे हुए थे। मोटू और पतलू दोनों सोच रहे थे की इस बार फुरफुरी नगर में कोई भी मेला या प्रदर्शिनी नहीं लगी है।
एक दिन सुबह सुबह मोटू पतलू के घर पर डॉ. झटका और घसीटा आ गए। मोटू अख़बार पढ़ने में व्यस्त था, तभी मोटू अचानक चौंक कर बोलता है की ये देखो दोस्तों खबर छपी है की मिस्टर फरार एक बार फिर जेल से फरार हो गया है।
एक दिन मोटू घर पर बहुत उदास बैठा था तभी पतलू वहां आता है और मोटू से पूछता है की क्या हुआ भाई इतना उदास क्यों बैठा है तेरा इंस्टाग्राम उड़ गया या फेसबुक, व्हाट्सएप कुछ ब्लॉक हो गया है?