हिंदी नैतिक कहानी: गिलहरी का पीछा
अरे! यह क्या हो गया तुम्हें यह चोट कैसे लगी? किशोर की बुरी हालत देख कर सारा परिवार उसकी ओर बाहर भागा। देखा तो किशोर कई जगह से चोटिल दिखाई दिया। सड़क पर गिर जाने से यह चोटें आई हैं।
अरे! यह क्या हो गया तुम्हें यह चोट कैसे लगी? किशोर की बुरी हालत देख कर सारा परिवार उसकी ओर बाहर भागा। देखा तो किशोर कई जगह से चोटिल दिखाई दिया। सड़क पर गिर जाने से यह चोटें आई हैं।
बादशाह शाहजहां के चार लड़के थे- दारा, शुजा, मुराद और औरंगजेब। इनमें से किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाना था। बादशाह ने स्वयं कई दिनों तक इस प्रश्न पर विचार किया।
नवलगढ़ में एक राजा राज करता था। राजा का नाम था हीरासिंह। हीरासिंह बहुत पराक्रमी राजा था। उसने कई राज्यों को जीत कर अपने राज्य में मिला लिया था। हीरासिंह के भय से दूसरे देशों के राजा थरथर कांपते थे।
आज श्वेता के होठों पर कई सप्ताह बाद मुस्कान फूटी थी। उसकी मुस्कान व खिले हुए चेहरे को देख उसके माता-पिता भी अत्यन्त प्रसन्न थे। पिछले, कई सप्ताह से श्वेता बिमार पड़ी थी।
राजस्थान की एक रियासत पर श्यामराज नाम का राजा राज करता था। वह जितना अधिक शक्तिशाली था, उतना ही अच्छा चित्रकार भी था। उसे नए-नए भवन बनवाकर उसमें चित्रकारी करने का शौक था।
रामगढ़ रियासत के राजा का नाम समर सेन था। वह बहुत दयालु था। एक बार राजा समर सेन शिकार खेलने अकेले जंगल में गया। शिकार खेलते हुए वह काफी दूर निकल गया और वापस लौटते समय रास्ता भटक गया।
पचास वर्तष पहले का एक वाकया है, साठ वर्ष तक दफ्तर में सुख से राज करने के पश्चात् जुगनू बाबू रिटायर हुए और अपने घर में आ बैठे। पहली तारीख को उनकी पेंशन मनीआर्डर से घर पहुंचने लगी।