Moral Story: आदमी का मूल्य
एक राजा को अपने महल के लिए एक समझदार और ईमानदार नौकर की आवश्यकता थी। इस सेवा के लिये उस के पास तीन आदमी आए। उन में से एक दो टके का आदमी था दूसरा सौ रूपये का और तीसरा हजार रूपये मासिक वेतन का।
एक राजा को अपने महल के लिए एक समझदार और ईमानदार नौकर की आवश्यकता थी। इस सेवा के लिये उस के पास तीन आदमी आए। उन में से एक दो टके का आदमी था दूसरा सौ रूपये का और तीसरा हजार रूपये मासिक वेतन का।
दंदकारन्य नाम के एक जंगल में एक बकरी और उसके सात मेमने रहते थे। सातों मेमने बहुत छोटे थे इसलिए वह खाने की तलाश नहीं कर सकते थे। इसलिए हर रोज़ बकरी खाने की तलाश के लिए जाती थी। वह खाना लाकर अपने मेमनों को खिलाती थी।
बहुत पहले की बात है, एक बार एक बेईमान आदमी ने भोले-भाले किसान को बातों मे फंसा कर लूट लिया। गांव के रास्ते पर वह फिर मिले तो बेईमान आदमी ने कहा- ‘‘बहुत दिनों बाद मिले हो भाई!’’
एक शहर में एक दर्जी की दुकान थी। यह शहर घने जंगल के काफी करीब था। जानवर और गाँव के लोग एक साथ मिल-जुलकर रहते थे, एक हाथी हर रोज़ दर्जी की दुकान के पास से गुजरता था और दर्जी दया दिखाते हुए हर रोज़ हाथी को चावल का एक गोला खिलाता था।
एक समय की बात है एक घने जंगल में एक नदी बहती थी। उस नदी के किनारे एक सुंदर और चालाक हिरण रहता था। उस नदी के अंदर एक उत्पाती मगरमच्छ रहता था। जब से मगरमच्छ ने हिरण को देखा था, उसी दिन से वह उसे पकड़ना चाहता था।
एक महिला अपने घर से बाहर आई और उसने तीन बुजुर्गों को देखा। उनकी सफेद लंबी दाढ़ी थी और वह आंगन में बैठे थे। वह उनको पहचान नहीं सकी। महिला ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैं आपको जानती हूं। लेकिन ऐसा लग रहा है कि आप भूखे हैं।
वर्तमान के समय में नौकरी तो मिली नहीं इसलिए मैंने ‘असिस्टेंट यमराज’ के लिए आवेदन पत्र भर कर पोस्ट कर दिया। भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है कहावत सच साबित हुई मुझे बिना ‘सोर्स’ के ही नौकरी मिल गई।