Travel: नई-पुरानी संस्कृति के संगम के रूप में उभरता हैदराबाद
आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में कदम रखते ही आपको एक ओर इतिहास की गलियों में घूमने का एहसास होगा और दूसरी तरफ तकनीकी ऊंचाइयों को छूती आधुनिकता आपको असमंजस में डाल देगी।
देश दुनिया का अतुलनीय सौंदर्य समझना एवं उससे चिर परिचित होना हर किसी का शौक होता है। हर राज्य, हर शहर अद्भुत प्राचीन इतिहास को दर्शाता हुआ एक नई कहानी कहता है। यदि आपको घर बैठे पूरी दुनिया और उससे जुड़े विशेष स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी हो, तो इसमें आपकी मदद करेगा lotpot.com का ट्रैवेल व्लॉग। यह आपको परिचित कराएगा देश दुनिया के उन महत्वपूर्ण स्थानों से जिससे आप आज तक अंजान थे, इसीलिए सब्सक्राइब कीजिए लोटपोट.com को और घर बैठे पाइये देश दुनिया के कोने कोने की जानकारी।
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राजस्थान के काण-कण में भक्ति भाव की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। भगवान भी भक्तों के होकर विभिन्न रूपों में विभिन्न स्थानों पर अपना चमत्कार और साक्षात्कार दोनों ही दिखाते रहते हैं।
स्वर्ण मंदिर सिखों का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। जिस तरह हिन्दुओं के लिए अमरनाथ जी और मुस्लिमों के लिए काबा पवित्र है उसी तरह सिखों के लिए स्वर्ण मंदिर महत्व रखता है। सिखों के लिए स्वर्ण मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण है।
भारत के ज्यादातर प्राचीन मंदिर छठी से 16वीं सदी के बीच बने हैं। छठी सदी से पहले के निर्मित मंदिर बहुत कम मिलते हैं। ऐहोल का लड खान मंदिर, जो मूल रूप से शिव का मंदिर है, का निर्माण काल 450 ईसवीं बताया जाता है।
राजस्थान के महराजा उदय सिंह ने सन् 1559 में उदयपुर नगर बसाया था। महराजा ने 1567 में इसे मेवाड़ की राजधानी बनाया। उदयपुर शहर में हमें मार्बल के महल तथा पहाड़ों की एक कतार के साथ झीलें ही झीलें दिखलाई पड़ती हैं।
भोपाल विभिन्न प्राकृतिक और कृत्रिम झीलों की उपस्थिति के कारण झीलों के शहर के रूप में जाना जाता है। यह भारत के सबसे हरे-भरे शहरों में से एक है। यह एक पुराना शहर है यहां के बाजारों में लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती है।
भारत के उत्तर पूर्वी बाॅर्डर राज्य नागालैंड की पर्वतीय राजधानी हैं कोहिमा। कोहिमा (Kohima) को ‘‘कू ही’’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके पहाड़ों में इस नाम के पेड़ उगते है। ‘‘कू ही माँ‘‘ का मतलब धरती के आदमी होता हैं जहाँ पर फूल कू ही उगता है।