छूटी मेरी रेल

यह कविता एक रेलगाड़ी की यात्रा का रोमांचक और जीवंत चित्रण करती है। इसमें ट्रेन की गति, आवाज़ें और उसकी पूरी गतिविधि को मज़ेदार और लयबद्ध शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया गया है।

By Lotpot
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Hindi Bal Kavita Chooti Meri Rail

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छूटी मेरी रेल - यह कविता एक रेलगाड़ी की यात्रा का रोमांचक और जीवंत चित्रण करती है। इसमें ट्रेन की गति, आवाज़ें और उसकी पूरी गतिविधि को मज़ेदार और लयबद्ध शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया गया है।

कविता की शुरुआत एक यात्री की हड़बड़ी और चिंता से होती है, जो समय पर ट्रेन पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन अंत में उसकी ट्रेन छूट जाती है। (missed train experience)

इसके बाद, कविता में ट्रेन की धड़धड़ाहट, धक-धक, छक-छक, भक-भक जैसी ध्वनियों को दोहराते हुए, उसकी गति और ताकत को उजागर किया गया है। ट्रेन का इंजन भारी-भरकम है और वह गमगम-धमधम की आवाज़ करता हुआ मंज़िल की ओर बढ़ता जाता है। (sound of train movement)

ट्रेन की गतिविधियों में गार्ड की सीटी, टिकट निरीक्षक (टीटी) का टिकट जांचना और प्लेटफार्म पर गाड़ियों की कतार भी शामिल है, जिससे रेलवे स्टेशन का एक सजीव चित्र प्रस्तुत किया जाता है। (railway station activities)

अंत में, कवि हास्य और निराशा को मिलाते हुए कहता है – "छूटी मेरी रेल!" यह पंक्ति एक ऐसे व्यक्ति की स्थिति दर्शाती है, जो ट्रेन छूटने के बाद पछताता है और अफसोस करता है।

छुक-छुक गाड़ी

रे बाबू, छूटी मेरी रेल।
हट जाओ, हट जाओ भैया!
फिर कुछ मैं न जानूँ,
टकरा जाए रेल।

धक-धक, धक-धक, धू-धू, धू-धू!
भक-भक, भक-भक, भू-भू, भू-भू!
छक-छक, छक-छक, छू-छू, छू-छू!
करती आई रेल।

इंजन इसका भारी-भरकम,
बढ़ता जाता गमगम गमगम।
धमधम धमधम, धमधम धमधम,
करता ठेलमठेल।

सुनो गार्ड ने दे दी सीटी,
टिकट देखता फिरता टीटी।
सटी हुई वीटी से वीटी,
करती पेलम पेल।

छूटी मेरी रेल!

सीख और संदेश

  1. समय का महत्व: ट्रेन यात्रा हमें समय पर काम करने और अनुशासन का पालन करने की सीख देती है। (importance of time management)
  2. यात्रा का आनंद: ट्रेन की गड़गड़ाहट, उसके आवाज़ों और स्टेशनों का दृश्य हमें यात्रा का एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। (fun of train journey)
  3. व्यवस्थित जीवन: जैसे ट्रेन अपने तय समय और पटरियों पर चलती है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन को नियमबद्ध तरीके से चलाना चाहिए। (life discipline through trains)

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