शिक्षा बड़ी या धन: एक अनोखी नैतिक कहानी
Web Stories नैतिक कहानियाँ (moral stories) बच्चों और बड़ों दोनों के लिए जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाने का एक शानदार तरीका हैं। ये कहानियाँ (moral stories in Hindi) न केवल मनोरंजक होती हैं
Web Stories नैतिक कहानियाँ (moral stories) बच्चों और बड़ों दोनों के लिए जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाने का एक शानदार तरीका हैं। ये कहानियाँ (moral stories in Hindi) न केवल मनोरंजक होती हैं
इस कहानी से हमें यह सीख मिलेगी कि शिक्षा और धन में से शिक्षा का महत्व ज्यादा है, क्योंकि शिक्षा हमें सही रास्ता दिखाती है। तो चलिए, इस हिंदी में नैतिक कहानी (moral story in Hindi) को शुरू करते हैं।
एक गाँव में मीनू नाम की एक प्यारी सी लड़की रहती थी। वह बहुत होशियार थी, लेकिन कभी-कभी अपनी शरारतों में कुछ गलतियां कर बैठती थी। उसके माता-पिता, सुमन और राजेश, उसे बहुत प्यार करते थे।
एक बार राजा मान सिंह ने राज्य में अंधे लोगों को भीख देने का फैसला किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अंधा व्यक्ति भीख लेने से छूट न जाए।
उस दिन की दोपहर झामू (घर का नौकर) के लिए काफी व्यस्त थी क्योंकि वो पूरा दिन मूर्ति के पीछे भागता रहा। मूर्ति बड़ा ही शरारती बच्चा था और वो कभी किसी का कहा नहीं मानता था।
रामू पढ़ाई में बहुत ही होशियार था उसके मन में बहुत उम्मीदें थीं, कि वह पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। पर वह हमेशा उदास रहता था परीक्षा निकट थी रामू की मां ने देखा वह हमेशा चुप उदास बैठा आसमान देखा करता है।
रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते थे। घर में मां का ही हुक्म चलता था।