जंगल कहानी : बुद्धिमान भालू की समझदारी
Web Stories घने जंगल के एक कोने में भालू बलदेव रहता था। बलदेव न सिर्फ अपनी ताकत के लिए बल्कि अपनी बुद्धिमानी के लिए भी जाना जाता था। जंगल के
Web Stories घने जंगल के एक कोने में भालू बलदेव रहता था। बलदेव न सिर्फ अपनी ताकत के लिए बल्कि अपनी बुद्धिमानी के लिए भी जाना जाता था। जंगल के
घने जंगल के एक कोने में भालू बलदेव रहता था। बलदेव न सिर्फ अपनी ताकत के लिए बल्कि अपनी बुद्धिमानी के लिए भी जाना जाता था। जंगल के अन्य जानवर हमेशा उसकी सलाह लेने आते थे
जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी और खाली स्थानो को भी भर दिया।
जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग अलग रहते थे।
दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी।
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।
जंगल में जोनू शेर का दबदबा था। जंगल के सारे प्राणी उसकी आज्ञा का पालन करते थे। जोनू के शाही महल के रास्ते पर ही महात्मा नीकू हाथी की विशाल कुटिया थी।