बच्चों की नैतिक कहानी: पकौड़ीमल और घासीराम
Web Stories: एक महर्षि थे। उनकी काफी ख्याति थी। कृष्णा नदी के किनारे उनका आश्रम था, जहां कई शिष्य रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक दिन महर्षि ने अपने एक शिष्य से कहा, निकट
Web Stories: एक महर्षि थे। उनकी काफी ख्याति थी। कृष्णा नदी के किनारे उनका आश्रम था, जहां कई शिष्य रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक दिन महर्षि ने अपने एक शिष्य से कहा, निकट
Web Stories : महाराजा कृष्णा देव राय को एक बार एक अनोखा उपहार मिला। विदेश से आए एक सौदागर ने उन्हें कुछ बिल्लियां भेट में दीं। महाराज ने सौदागर को धन्यवाद कहा।
पहाड़ की ढलान पर एक आदमी मिट्टी खोदने का काम करता था। वहीं, पास में एक खतरनाक चुड़ैल रहती थी, जो उस आदमी को खाने की फिराक में थी। जैसे ही उसकी नजर आदमी पर पड़ी, वह ललचाई हुई आँखों से उसे देखने लगी।
गांव की एक औरत अपने लड़के को प्राइमरी स्कूल में दाखिल करवाना चाहती थी। उसका खुद का बचपन भी बड़े कष्टों में बीता था। उसका पति एक मजदूर था जो रोज कमाता और रोज खाता था।
महाराजा कृष्णा देव राय को एक बार एक अनोखा उपहार मिला। विदेश से आए एक सौदागर ने उन्हें कुछ सुन्दर बिल्लियां भेट में दीं। महाराज ने सौदागर को धन्यवाद कहा और राज्य की ओर से सौ स्वर्ण मुद्रिकायें उपहार स्वरूप भेंट कीं।
नरेश के विवाह की सारी तैयारियाँ पूरी हो चुकीं थीं। उसने एक नयी शेरवानी अनिवार्यता बनवाई थी। जब वह अपने कपड़ों को चैक कर रहा था तभी अक्समात उसे पता लगा कि एक वस्त्र तो वह भूल ही गया है।
गर्मी की एक शाम नसरू घर के बाहर पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे कुछ खटपट सुनाई दी। उसने मुड़ कर देखा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। एक चोर उसके मकान में घुस रहा था।