Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और बबल गैंग
डॉ. डेविल नटखट नीटू से बार-बार हारने के बाद काफी परेशान हो चूका था। इस बार उसने सोचा कुछ ऐसा आविष्कार किया जाए जिसे नीटू समझ भी न पाए और मेरे जाल में फंस जाए।
डॉ. डेविल नटखट नीटू से बार-बार हारने के बाद काफी परेशान हो चूका था। इस बार उसने सोचा कुछ ऐसा आविष्कार किया जाए जिसे नीटू समझ भी न पाए और मेरे जाल में फंस जाए।
गर्मियों का मौसम चल रहा था, लेकिन अबकी बार आम के दाम ज्यादा होने के कारण, आम जनता की पहुँच से बाहर होते जा रहे थे। ऐसे में डॉ. झटका ने सोचा कि क्यों न एक ऐसा केमिकल बनाया जाये जिससे आम का पेड़ कहीं भी उगाया जा सके।
एक दिन की बात है चेलाराम उस दिन स्कूल नहीं गए थे। सुबह तो चेलाराम ने पेट दर्द का बहाना बना दिया था, लेकिन दोपहर होते होते वो पूरे घर में धमाचौकड़ी मचा रहे थे। चेलाराम की मम्मी को सब समझ आ गया था मगर उसे कुछ नहीं बोल रहीं थीं।
सुबह के 10 बज रहे थे, तभी शहर वासियों ने देखा कि कोई चीज़ बहुत ही तेज़ी से आसमान के एक छोर से दुसरे छोर की तरफ जा रही है। मगर लोगों को समझते देर नहीं लगी कि वह चीज़ कुछ और नहीं बल्कि खुद देवा ही है।
एक दिन शाम के समय पपीता राम बाजार से अपने लिए खाने का सामान लेकर अपने घर जा रहा था। तभी रास्ते में उसके दो दोस्त उसको देख लेते हैं और आपस में बोलते हैं कि वो देखो पपीता राम आ रहा है और वो भी खाने के सामान के साथ।
जुलाई का महीना चल रहा था और मौसम में काफी उमस हो रही थी। मोटू और पतलू अपने घर में बैठे हुए थे कि तभी मोटू अपना पेट पकड़ कर बोलता है कि पतलू मेरे पेट में कुछ हो रहा है। मोटू को देखकर पतलू बोलता है आजकल मौसम बदल रहा है, किसी चीज से इन्फेक्शन हो गया है।
मानसून शुरू हो चुका था, गर्मी कम हो चुकी थी, नीटू अपने दोस्तों के साथ पार्क में सुहावने मौसम का मज़ा ले रहा था। तभी नीटू की नज़र ऊपर आसमान पर पड़ती है और वो ख़ुशी से बोलता है कि अरे वाह! मानसून के बादल छा रहे हैं।