मोटू पतलू और मुफ्त के खरबूजे
गर्मी का दिन था शाम हो चुकी थी मोटू और पतलू डॉ. झटका के घर के गार्डन में बैठे बातें कर रहे थे। तभी घसीटा खरबूजे लेकर वहां आता है और बोलता है कि लो दोस्तो, मैं गर्मियों की सौगात ले आया हूं।
गर्मी का दिन था शाम हो चुकी थी मोटू और पतलू डॉ. झटका के घर के गार्डन में बैठे बातें कर रहे थे। तभी घसीटा खरबूजे लेकर वहां आता है और बोलता है कि लो दोस्तो, मैं गर्मियों की सौगात ले आया हूं।
गर्मी का मौसम चल रहा था टीटा नीटू के घर पर गेम खेलने आया हुआ था। पूरी दोपहर गेम खेलने के बाद जब टीटा बहार निकला तो उसने देखा कि गेट के बाहर एक बहुत बड़ा सा आम रखा हुआ है।
एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा कि वह उनके लिए इस कपड़े की सुंदर पोशाक तैयार करवाएं।
संडे का दिन था, पपीताराम के दोस्त उनको अपने साथ स्विमिंग करने के लिए ले जाते हैं। वहां पहुँच कर पपीताराम के दोस्त बोलते हैं कि आज तो बहुत मज़ा आने वाला है।
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो चुकि थीं, सभी स्कूल फिर से बच्चों की आवाज़ों से चहक उठे थे। मिन्नी भी अपने स्कूल आ चुकि थी। मिन्नी अपनी सभी फ्रेंड्स के साथ अपनी छुट्टियों की बातें शेयर कर रही थी।
कई दिनों से बारिश नहीं हो रही थी सभी परेशान थे जिनमें नंदिनी नाम की वह छोटी सी लड़की भी शामिल थी, नंदिनी ने जब घुमडते बादलों को देखा तो वह उनसे बोली- “ऐ मेघा तुम हमारे यहां क्यों नहीं बरसते देखते नहीं कितने परेशान हैं हम!”