जंगल कहानी : गहरे जंगल का जादू
"गहरे जंगल का जादू: एक नई दोस्ती की कहानी" में जानिए कैसे चार दोस्तों ने मिलकर अपने जंगल को खतरों से बचाया और सच्ची दोस्ती की महत्ता को समझा। यह कहानी बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाएगी
"गहरे जंगल का जादू: एक नई दोस्ती की कहानी" में जानिए कैसे चार दोस्तों ने मिलकर अपने जंगल को खतरों से बचाया और सच्ची दोस्ती की महत्ता को समझा। यह कहानी बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाएगी
एक जंगल में एक कछुआ और लोमड़ी रहते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी खूबियों और कमजोरियों में बड़ा अंतर था। कछुआ बहुत धीमी चाल से चलता था, जबकि लोमड़ी तेज और चालाक थी। फिर भी, दोनों हमेशा साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे।
जंगल के अंदर गहरी हरियाली के बीच, चीकू नाम का एक चतुर और नटखट खरगोश रहता था। चीकू अपनी बुद्धिमानी के लिए पूरे जंगल में मशहूर था। हर कोई उसकी चालाकी और सूझबूझ का कायल था।
जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी और खाली स्थानो को भी भर दिया।
जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग अलग रहते थे।
दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी।
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।