जंगल का सबक: सच्ची दोस्ती की पहचान
"जंगल का सबक" कहानी में राहुल और सोहन नाम के दो दोस्त जंगल के रास्ते से गुज़रते हैं। रास्ते में उन्हें एक भालू मिलता है। राहुल डरकर पेड़ पर चढ़ जाता है, जबकि सोहन मरे होने का नाटक करके अपनी जान बचाता है।
"जंगल का सबक" कहानी में राहुल और सोहन नाम के दो दोस्त जंगल के रास्ते से गुज़रते हैं। रास्ते में उन्हें एक भालू मिलता है। राहुल डरकर पेड़ पर चढ़ जाता है, जबकि सोहन मरे होने का नाटक करके अपनी जान बचाता है।
Web Stories: एक बार की बात है, जंगल के एक हिस्से में भूखा भालू टहल रहा था। उसका पेट भूख से मरोड़ खा रहा था और उसे कुछ खाने की तलाश थी। तभी उसने दूर से
Web Stories: जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी।
Web Stories: जंगल की सीख एक घने जंगल में चिंटू नाम का एक नन्हा चीता रहता था। चिंटू बहुत तेज़ दौड़ता था, लेकिन उसे लगता था कि जंगल में उससे तेज़ कोई नहीं है। वह हमेशा
एक घने जंगल में चिंटू नाम का एक नन्हा चीता रहता था। चिंटू बहुत तेज़ दौड़ता था, लेकिन उसे लगता था कि जंगल में उससे तेज़ कोई नहीं है। वह हमेशा अपनी तेज़ी का घमंड करता और अपने दोस्तों को चिढ़ाता।
Web Stories यह कहानी एक मनुष्य, उसके कुत्ते और सुअर की है। मनुष्य दोनों से काम की अपेक्षा करता है, लेकिन कुत्ता चालाकी से सुअर के मेहनती काम को अपने नाम कर लेता है। सुअर की मेहनत पर कुत्ते के पैरों के निशान छा जाते हैं
यह कहानी एक मनुष्य, उसके कुत्ते और सुअर की है। मनुष्य दोनों से काम की अपेक्षा करता है, लेकिन कुत्ता चालाकी से सुअर के मेहनती काम को अपने नाम कर लेता है। यह कहानी मेहनत, चालाकी और न्याय की गहरी सीख देती है।