Moral Story: एक सवाल तीन जवाब
डॉ. गोयबेल्स हिटलर के प्रसार मंत्री थे। एक दफा उन्होंने एक वृद्ध यहूदी पादरी से कहा "यहूदी, सुना है कि तुम लोग अपने धर्मग्रंथ 'तालमुद' पर आधारित एक विशेष तरह के तर्क का प्रयोग करते हो।
डॉ. गोयबेल्स हिटलर के प्रसार मंत्री थे। एक दफा उन्होंने एक वृद्ध यहूदी पादरी से कहा "यहूदी, सुना है कि तुम लोग अपने धर्मग्रंथ 'तालमुद' पर आधारित एक विशेष तरह के तर्क का प्रयोग करते हो।
राजस्थान के दक्षिण में एक छोटा-सा आदिवासी गांव है राजपुर। यहां के लोगों के अपने रीती-रिवाज, परम्पराएं व रहन-सहन के तरीके हैं। स्वतन्त्रता के बाद गांव की तरक्की हुई है। लोग पढ़ने-लिखने भी लगे। यह इसी गांव की कहानी है।
कॉलेज में आज बड़ी चहल पहल थी चारों तरफ हंगामा था, सब एक दूसरे से बढ़-चढ़ कर सज संवर कर आये थे। आते भी क्यों ना? आज के दिन का तो वह बहुत दिनों से इन्तजार कर रहे थे। क्योंकि आज उनका परीक्षा फल निकलने वाला था।
बहुत पुराने समय की बात है। एक छोटे से गांव में एक गरीब रहता था। वह मूर्तियों का निर्माण करके, उन्हें गांव-गांव बेचकर अपना जीवन निर्वाह करता था। इससे वह अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी ही जुटा पाता था।
कल्लू, लल्लन और मुन्ना तीनों लड़के सड़क के किनारे बैठकर खिलौने बेचा करते थे तीनों अपनी अपनी टोकरी में तरह तरह के खिलौने भरकर सुबह ही अपनी जगह पर आकर बैठ जाते थे। वह इलाका भीड़वाला और बाजार के करीब था।
बहुत समय पहले हरिपुर में एक राजा राज करता था। उसका नाम सुप्रताप सिंह था। यों सुप्रताप सिंह के पास प्रजा की भलाई के लिए अनेक काम थे। जैसे की वह जगह-जगह धर्मशाला बनवा सकता था, तालाब खुदवा सकता था।
अशरफ को समझ में नहीं आ रहा था की वह पापा को कैसे समझाए कि उनके कारण लड़के उसे जल्लाद का बेटा कहते हैं। उसके पापा नगर के सरकारी अस्पताल में कम्पाउंडर हैं, उन्हें जरा-जरा सी बात पर क्रोध आ जाता है।