Hindi Poem : गुब्बारे वाला आया
गुब्बारे वाला बच्चों की दुनिया में एक खास आकर्षण होता है। जब वह अपने रंग-बिरंगे गुब्बारों के साथ आता है, तो बच्चों के चेहरे खुशी से चमक उठते हैं। लाल, हरे, नीले, पीले गुब्बारे हवा में ऊंचे उठाए जाते हैं
गुब्बारे वाला बच्चों की दुनिया में एक खास आकर्षण होता है। जब वह अपने रंग-बिरंगे गुब्बारों के साथ आता है, तो बच्चों के चेहरे खुशी से चमक उठते हैं। लाल, हरे, नीले, पीले गुब्बारे हवा में ऊंचे उठाए जाते हैं
यह कविता ममता, सच्चाई और एक बच्चे की मासूमियत को दर्शाती है। गुड़िया अपनी झूठी चॉकलेट पर गुस्सा करती है और मम्मी से शिकायत करती है। मम्मी उसे नई चॉकलेट का वादा करती हैं,
यह कविता बेटी के महत्व और उसकी अनमोल उपस्थिति को दर्शाती है। बेटी को ईश्वर की सौगात और जीवन में खुशियों का प्रतीक बताया गया है। वह सुबह की पहली किरण और तारों की शीतल छाया के समान जीवन में उजाला लाती है।
यह कविता माँ के निःस्वार्थ प्रेम, त्याग और बच्चों के प्रति उनकी अनमोल भावनाओं का वर्णन करती है। माँ अपनी सारी खुशियाँ और सुख अपने बच्चों के लिए न्योछावर कर देती हैं।
इस कविता में एक वृक्ष की भावुक पुकार को दर्शाया गया है। वृक्ष हमसे विनती करता है कि उसे न काटें, क्योंकि वह न केवल पक्षियों के लिए घर और भोजन का स्रोत है, बल्कि हमें शुद्ध हवा, छाया और प्रदूषण से राहत भी देता है।
यह कविता चिड़िया माँ के बच्चों के प्रति अपार प्रेम और चिंता को दर्शाती है। चिड़िया माँ बच्चों के खाने-पीने का ध्यान रखते हुए बाहर जाती है, लेकिन अचानक बारिश शुरू हो जाती है।
यह कविता माँ और बच्चे के रिश्ते की मधुरता और गहराई को व्यक्त करती है। यह छोटे बच्चे की मासूम भावनाओं को दर्शाती है, जो अपनी माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता।