Moral Story: अच्छे काम का पुरस्कार
एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े ज़ोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े का हैट हवा से उड़ गया। उसके पास ही दो लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा- मेरा हैट उड़ गया है, उसे पकड़ो।
एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े ज़ोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े का हैट हवा से उड़ गया। उसके पास ही दो लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा- मेरा हैट उड़ गया है, उसे पकड़ो।
गाँव के स्कूल में पढ़ने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी, उसका दाखिला शहर के एक अच्छे स्कूल के क्लास 6 में हो गया था। आज स्कूल का पहला दिन था और वो समय से पहले ही तैयार होकर बस का इंतज़ार कर रही थी।
एक बार हंसों की डार उड़ती-उड़ती नदी के किनारे पहुंची। वहां पर एक तोता बड़े ही जोश में आसमान में लम्बी-लम्बी उड़ारियां लगा रहा था। तोते ने उस हंसों के झुण्ड को नदी किनारे देखा। तोता उड़ान भरता-भरता हंसों के पास गया।
नदी किनारे एक विशाल पेड़ था। उस पेड़ पर बगुलों का बहुत बड़ा झुंड रहता था। उसी पेड़ के कोटर में काला नाग रहता था। जब अंडों से बच्चे निकल आते और जब वह कुछ बड़े होकर मां-बाप से दूर रहने लगते, तभी वह नाग उन्हें खा जाता था।
शहर के बाहरी हिस्से में मल्टी नेशनल कम्पनी में काम करने वाले एक सेल्स मैनेजर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। वह रोज सुबह काम पर निकल जाते और देर शाम को घर लौटते।
एक बार एक शक्तिशाली राजा घने वन में शिकार खेल रहा था। अचानक आकाश में बादल छा गए और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सूर्य अस्त हो गया और धीरे-धीरे अँधेरा छाने लगा। अँधेरे में राजा अपने महल का रास्ता भूल गया।
एक नदी के किनारे उसी नदी से जुड़ा एक बड़ा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता है, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं।