Fun Story: पुण्य का फल
किसी गांव में एक लड़का रहता था, उसका नाम था केसर। वह बहुत ही आलसी था और मेहनत करने को पाप समझता था। इसलिए रात के समय में एक दो घरों में चोरी कर लेता था और जो कुछ हाथ लगता था उसी से अपना और अपने परिवार का पेट भर लिया करता था।
किसी गांव में एक लड़का रहता था, उसका नाम था केसर। वह बहुत ही आलसी था और मेहनत करने को पाप समझता था। इसलिए रात के समय में एक दो घरों में चोरी कर लेता था और जो कुछ हाथ लगता था उसी से अपना और अपने परिवार का पेट भर लिया करता था।
घर से बाहर निकाला हुआ भोला घोड़ा रोते-रोते कई मीलों तक चलते-चलते इस जंगल तक पहुँच गया था। भोला को देखकर जंगल के सारे प्राणी आश्चर्य चकित थे कि यह नया प्राणी कहाँ से आ टपका और यह इतना उदास क्यों हैं?
कमल ने अपनी गुल्लक ज़मीन पर उड़ेल दी। बहुत सारे सिक्के ज़मीन पर बिखर गये। कमल ने उन्हें गिनना शुरू कर दिया। उसका उस समय आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा जब उसने देखा कि वे सिक्के कुल मिलाकर 1000 रुपये के लगभग थे।
एक दिन बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में बीरबल से जलने वाले सभी सभासद बीरबल के खिलाफ बादशाह अकबर के कान भर रहे थे। अक्सर ऐसा ही होता था, जब भी बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं होते थे, तभी दरबारियों को मौका मिल जाता था।
छत्रपति शिवाजी एक कुशल शासक होने के साथ ही साथ अनुशासन प्रिय योद्धा भी थे। अपने किलों की सुरक्षा और सैनिक व्यवस्था के प्रति उनकी सजग दृष्टि रहती थी। उनके किलों में रायगढ़ का किला सबसे महत्वपूर्ण था।
विजय और अजय दोनों भाई कक्षा सात में पढ़ते थे। दोनों साथ साथ घर से स्कूल और स्कूल से घर आते जाते थे। विजय पढ़ने में बहुत तेज था हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आता था। विजय कमजोर छात्रों की सहायता करता था।
गजराज हाथीदादा को जब भी अपने दैनिक निजी कार्यों से फुरसत होती तो तुरन्त ही नमो भगवते वासुदेवाय का मंत्र जपना शुरू कर देते थे। कभी किसी ने उन्हें व्यर्थ में समय गंवाते नहीं देखा था। उनका मन सदा ईश्वर में एकाग्र रहता था।