Motivational Story: अपहरण
राजू आज भी नित्य की भांति स्कूल से घर की ओर अकेला चल पड़ा था। पहले तो उसके पापा स्कूल छोड़ने जाते थे। छुट्टी हो जाने पर ले आते थे। किन्तु जब से वह कक्षा दस में गया, तब से वह अकेला ही स्कूल से घर और घर से स्कूल आता-जाता था।
राजू आज भी नित्य की भांति स्कूल से घर की ओर अकेला चल पड़ा था। पहले तो उसके पापा स्कूल छोड़ने जाते थे। छुट्टी हो जाने पर ले आते थे। किन्तु जब से वह कक्षा दस में गया, तब से वह अकेला ही स्कूल से घर और घर से स्कूल आता-जाता था।
चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशियस की कीर्ति चारों ओर फैली थी। लोग उनसे मिलने दूर-दूर से आते थे। उनसे मिलने की उत्कंठा में एक दिन एक राजा उनके पास पहुँचे।