कविता - माँ का अनमोल प्यार
यह कविता माँ और बच्चे के रिश्ते की मधुरता और गहराई को व्यक्त करती है। यह छोटे बच्चे की मासूम भावनाओं को दर्शाती है, जो अपनी माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता।
यह कविता माँ और बच्चे के रिश्ते की मधुरता और गहराई को व्यक्त करती है। यह छोटे बच्चे की मासूम भावनाओं को दर्शाती है, जो अपनी माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता।
कविता "रसोईघर की बातें" एक मजेदार और जीवंत चित्रण है जो रसोईघर में इस्तेमाल होने वाले सामानों को मानवीय रूप देती है। इसमें चकला, बेलन, चाकू, छलनी, और थाली जैसे पात्रों के माध्यम से उनके रोजमर्रा के कामों का वर्णन किया गया है।
"देखो देखो डाकिया आया" एक सरल और प्यारी कविता है जो बच्चों के लिए डाकिए की भूमिका और उसके महत्व को दर्शाती है। कविता में एक डाकिए का वर्णन किया गया है, जो खाकी कपड़े पहने, एक थैला लिए, चिट्ठियां बांटता हुआ नजर आता है।
यह कविता एक मासूम और चंचल बच्ची की कहानी है, जो अपनी टोकरियां भरकर बाजार में आम बेचने जाती है। वह नटखट अंदाज में आम दिखाती है, लेकिन उनके दाम नहीं बताती।
यह कविता सर्दी के मौसम, जिसे "जाड़ा" कहा गया है, के प्रभाव और अनुभवों को बड़े ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत करती है। कवि ने जाड़े की ठंड को इस प्रकार व्यक्त किया है कि हर कोई सर्दी की ठिठुरन में "धर-धर" काँप रहा है।
यह कविता बच्चों के लिए हाथी के जीवन और उसकी आदतों को सरल और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती है। हाथी, जो एक विशालकाय और शांत जीव है, कविता में अपने भारी-भरकम कदमों के साथ “धम्मक-धम्मक” करता हुआ आता और जाता है।
इस कविता में ठंडी के दिनों के दौरान जानवरों की मुश्किलों और उनकी प्रतिक्रियाओं को दर्शाया गया है। टामी, गैया, पुसी, और कौआ, सभी ठंडी से जूझते हुए अपनी समस्याओं को व्यक्त करते हैं।