Fun Story: बंटी की आइसक्रीम
बंटी आज जब स्कूल से आया तो फिर उसने घर पर ताला देखा। घर की सीढ़ियों पर वह अपना बैग रख कर बैठ गया। उसे भूख लगी थी और वह थका हुआ भी था। वह सोचने लगा, काश मेरी माँ भी राजू की माँ की तरह ही घर पर ही होती।
बंटी आज जब स्कूल से आया तो फिर उसने घर पर ताला देखा। घर की सीढ़ियों पर वह अपना बैग रख कर बैठ गया। उसे भूख लगी थी और वह थका हुआ भी था। वह सोचने लगा, काश मेरी माँ भी राजू की माँ की तरह ही घर पर ही होती।
एक गुरूजी थे, उनके आश्रम में कुछ शिष्य शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। एक बार बातचीत में एक शिष्य ने पूछा - गुरूजी, क्या ईश्वर सचमुच है? गुरूजी ने कहा- ईश्वर अगर कहीं है तो वह हम सभी में है।
गर्मियों की छुट्टियां अभी शुरू ही हुई हैं और 10 वर्षीय ईशा सोच रही थी कि इस बार वह छुट्टियों में क्या करेगी। उसे देखकर सूरज मुस्कुरा रहा था, पेड़ों की पत्तियां एक दूसरे से राज़ बांट रही थी, जो एक दूसरे से बातें कर रहे थे।
दिवाली के दिन पटाखों की आवाज़ों की वजह से चंदन अपने कानों को हाथ से ढक रहा था ताकि पटाखों की आवाज़ उसके कानों में ना जाए। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। हर जगह पटाखे फूट रहे थे।