Motivational Story: दिवाली का जोश
दिवाली के दिन पटाखों की आवाज़ों की वजह से चंदन अपने कानों को हाथ से ढक रहा था ताकि पटाखों की आवाज़ उसके कानों में ना जाए। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। हर जगह पटाखे फूट रहे थे।
दिवाली के दिन पटाखों की आवाज़ों की वजह से चंदन अपने कानों को हाथ से ढक रहा था ताकि पटाखों की आवाज़ उसके कानों में ना जाए। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। हर जगह पटाखे फूट रहे थे।
इतवार का दिन था, शेख चिल्ली सुबह सुबह नाश्ता कर के मल्लिका के घर जाने के लिए निकलता है। जैसे ही वो मल्लिका के घर पहुँचता है और मल्लिका को आवाज़ देता है तो मल्लिका झट से बहार आकर बोलती है की अभी तुम लोग चले जाओ।
एक व्यक्ति ने भगवान बुद्ध से पूछा, ‘‘जीवन का मूल्य क्या है?’’ बुद्ध ने उसे एक चमकता पत्थर दिया और कहा, ‘‘इसका मूल्य पता करके आओ लेकिन ध्यान रखना इसको बेचना नहीं है।’’ वह व्यक्ति बाजार में एक संतरे वाले के पास गया।
नटखट नगर में मेला लगा हुआ था, उस मेले में जादूगर पॉल भी आया हुआ था। जादूगर पॉल बहुत ही फेमस जादूगर था उसके आने की वजह से मेले में रौनक और भी बड़ गयी थी। जादूगर के आने की बात डॉ. डेविल को भी पता चल गयी थी।
दीपक रोज़ शाम को अपने घर से कुछ दूर एक मैदान में फुटबाल खेलने जाता था। उस दिन उसकी बुआ का लड़का पिंकू भी आया हुआ था। वह भी दीपक के साथ जाने की ज़िद करने लगा तो दीपक उसे भी अपने साथ ले गया।
नन्हे पाठकों आज आप सभी के लिए एक नयी दिमागी कसरत ले कर आये हैं, नीचे दिए गए चित्र में एक तरफ कुछ जानवरों की तस्वीरें हैं, साथ ही दूसरी तरफ उन जानवरों की परछाईं हैं।