Moral Story: दो बेटों की कहानी
एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था।
एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था।
वाॅम्बेट ऑस्ट्रेलिया का प्राणी है। यह करीब एक मीटर लंबे होते हैं और इनकी पूंछ बेहद छोटी होती है। वाॅम्बेट का नाम इओरा समूह से लिया गया है क्योंकि यह समूह शुरू से ही सिडनी में रहता था।
सरयू अकबर पुर में रहत था। वह बहुत गरीब था, बस लकड़ी बेचकर ही अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह जंगल में पहुँचा तो वहाँ भयानक आग लगी हुई थी। अभी वह अपने इस एक मात्र धंधे को चौपट होता देख ही रहा था।
आधी छुट्टी की घंटी बजी तो बच्चे अपना अपना बस्ता उठा कर पार्क की ओर भागे। कुछ स्कूल कैन्टीन में चले गए। इन बच्चोें में एक बच्चा ऐसा भी था, जो सबसे अलग जा रहा था। जब वह खाना नहीं लाता था।
सर्दी का समय चल रहा था मोटू बाजार से घर लौट रहा था और अपने आप से बातें कर रहा था की सर्दी तो बहुत ज्यादा पड़ रही है, ऊपर से गर्म कपड़ों के दाम तो आसमान छु रहे हैं। मोटू यही सब सोचता हुआ घर पहुंचा तो पतलू ने उससे पुछा।
वन में सभी जानवर व पक्षी बरसात के आगमन की तैयारी करने में लगे थे, सिर्फ चूहा ही निश्चिंत हो अपने बिल में बैठा था, तभी खरगोश वहां आया क्यों चूहे भाई! तुम्हे बरसात की तैयारी नहीं करनी? देखो सभी लोग तैयारी में व्यस्त हैं।
सुन्दर वन में चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मौसम कुछ ऐसा था कि कब आंधी आ जाये, इसका कोई ठिकाना नहीं था। मौसम के बदलते रूख से वन के पशु-पक्षी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे उसी वन के निवासी एक मादा तोते ने दो अंडे दिये।