Motivational Story: सतर्क निगाह ने किया कमाल
देखने में तो कविता लापरवाह और बुद्धू सी लगती थी परन्तु थी बहुत होशियार। चलते-फिरते उठते-बैठते यहां तक कि सोते में भी वह बहुत चैकन्नी रहती थी। छोटी से छोटी बात पर भी उसका ध्यान अनायास ही चला जाता था।
देखने में तो कविता लापरवाह और बुद्धू सी लगती थी परन्तु थी बहुत होशियार। चलते-फिरते उठते-बैठते यहां तक कि सोते में भी वह बहुत चैकन्नी रहती थी। छोटी से छोटी बात पर भी उसका ध्यान अनायास ही चला जाता था।
एक दिन शेख चिल्ली और नूरी जिन्न बातें कर रहे थे, नूरी बोल रहा था कि मेरे पास बहुत सारी शक्तियां हैं मैं कुछ भी कर सकता हूँ। शेख चिल्ली उसको समझा रहा था कि नूरी अगर दिमाग से काम नहीं लोगे तो ये सारी शक्तियां तुम्हारे किसी काम नहीं आएँगी।
बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी को कौन नहीं पहचानता है जिन्होंने अपनी जिद और बाइस साल की कड़ी मेहनत से छेनी हथौड़े का इस्तेमाल करते हुए एक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था।
एक धनी व्यक्ति का बटुआ बाजार में गिर गया। बटुए में जरूरी कागजों के अलावा कई हज़ार रूपये भी थे। वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि बटुआ मिल जाए तो प्रसाद चढ़ाऊंगा, गरीबों को भोजन कराऊंगा आदि।
महान गणितज्ञ, श्रीनिवास रामानुजन ( Srinivasa Ramanujan) को दुनिया में गणित का जादूगर क्यों कहा जाता है, आइए जानते है। तमिलनाडु के एक छोटे से गांव इरोड के प्राथमिक शाला में एक दिन जब गणित की कक्षा चल रही थी।
आप यह भलीभांति जानते हैं कि हम जितना तेज़ बोलते हैं उतना तेज़ लिख नहीं सकते लेकिन अक्सर रिकॉर्ड के लिए शब्दों को उसी क्रम में लिखने की आवश्यकता होती है, जिनमें वह बोले जाते हैं। तब जरूरत होती है उन्हें शॉर्टहैंड में लिखने की।
भारत के ज्यादातर प्राचीन मंदिर छठी से 16वीं सदी के बीच बने हैं। छठी सदी से पहले के निर्मित मंदिर बहुत कम मिलते हैं। ऐहोल का लड खान मंदिर, जो मूल रूप से शिव का मंदिर है, का निर्माण काल 450 ईसवीं बताया जाता है।