Motu Patlu E-Comics: मैं किसी काम का नहीं
एक दिन मोटू बाजार से घर लौट रहा था, तभी रास्ते में कुछ बच्चे उसकी नक़ल करने लगते हैं। यह देखकर मोटू उदास हो जाता है उसको लगता है की वे बच्चे उसका मज़ाक उड़ा रहे हैं। यही सोचते सोचते वो घर की तरफ चलता है।
एक दिन मोटू बाजार से घर लौट रहा था, तभी रास्ते में कुछ बच्चे उसकी नक़ल करने लगते हैं। यह देखकर मोटू उदास हो जाता है उसको लगता है की वे बच्चे उसका मज़ाक उड़ा रहे हैं। यही सोचते सोचते वो घर की तरफ चलता है।
पप्पू और मिन्नी मोटू पतलू की फिल्म किंग ऑफ़ किंग्स देख कर वापस लौट रहे थे। वे आपस मैं बातें कर रहे थे, पप्पू बोलता है की मिन्नी मोटू पतलू की मूवी तो बहुत ही मज़ेदार थी।
एक दिन की बात है मोटू घर में आराम कर रहा था, की तभी पतलू वहां आता है और बोलता है की मोटू भाई कमाल की खबर लाया हूँ। मोटू को लगता है की शायद उसके दोस्त कमाल की तबियत ठीक हो गयी है।
दोपहर का वक़्त था मोटू और पतलू आराम से बातें कर रहे थे, कि तभी मोटू अचानक से नाचने लगता है और चिल्लाता है कि आ गया 25 दिसंबर आ गया। पतलू मोटू को देखकर हैरान हो जाता है कि अचानक से मोटू को क्या हो गया।
गर्मी का मौसम चल रहा था, लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो रहा था। मोटू पतलू भी गर्मी से काफी परेशान थे, मोटू ने पतलू से बोला कि पतलू भाई मन तो ऐसा कर रहा है कि किसी 5 स्टार होटल में जा के नहाऊं और वहीं रहूँ।
एक दिन की बात है मोटू, पतलू, डॉ. झटका और घसीटा फुफुरी नगर की सैर पर निकले थे कुछ दूर चलते ही रास्ते में उन्हें एक बच्चा दिखाई दिया जो बहुत जोर-जोर से रो रहा था। मोटू ने बोला कि चलो चलकर देखते हैं कि ये बच्चा क्यूँ रो रहा है।
मोटू और पतलू घर की सफाई कर रहे थे इतने में पतलू को एक छतरी मिलती है, पतलू बाहर आता है और मोटू से बोलता है कि मोटू ये देख मुझे क्या मिला, मोटू बोलता है की ऐसा क्या ही मिल गया तुझे जो इतना खुश हो रहा है।