हिंदी नैतिक कहानी: शरारत का फल
Web Stories: निलेश बहुत ही शरारती लड़का था। जानवरों को मारने-पीटने और परेशान करने में उसे बहुत मजा आता था। निलेश हमेशा अपने पास एक गुलेल रखता था। इस गुलेल का प्रयोग वह
Web Stories: निलेश बहुत ही शरारती लड़का था। जानवरों को मारने-पीटने और परेशान करने में उसे बहुत मजा आता था। निलेश हमेशा अपने पास एक गुलेल रखता था। इस गुलेल का प्रयोग वह
Web Stories: एक दिन राजा हरिकेश को पास के राज्य से रात्रिभोज का न्योता मिला। राजा ने यह सोचकर न्योता अस्वीकार कर दिया कि पड़ोसी राज्य के लोग विदेशी हैं और उनके इस
Web Stories बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से राज्य में एक निर्दयी मालिक और उसका गुलाम रहते थे। मालिक इतना क्रूर था कि वह अपने गुलाम को दिन-रात काम करवाता और उसे
एक दिन राजा हरिकेश को पास के राज्य से रात्रिभोज का न्योता मिला। राजा ने यह सोचकर न्योता अस्वीकार कर दिया कि पड़ोसी राज्य के लोग विदेशी हैं और उनके इस निमंत्रण के पीछे कोई गलत इरादा हो सकता है।
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से राज्य में एक निर्दयी मालिक और उसका गुलाम रहते थे। मालिक इतना क्रूर था कि वह अपने गुलाम को दिन-रात काम करवाता और उसे ठीक से खाने-पीने तक नहीं देता था। गुलाम थक चुका था और अपनी आजादी की उम्मीद खो बैठा था।
आज रोहन बेहद उदास था. आज 31 दिसम्बर का दिन था. साल का आखिरी दिन. उसके सभी दोस्त उस रात पार्टी मनाने क्लब जा रहे थे. उसका भी पूरा मन था कि वो भी उनके साथ जाये. उसने अपनी माँ से जाने की जिद भी की थी
बात पिछली सर्दी की है। उस रात बहुत ज्यादा ठंड थी। अपनी मम्मी के कई बार मना करने पर भी अशोक अपने दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने चला गया था। पार्टी खत्म होते-होते रात के दस बज गये थे।